समय बदला और स्थितियां भी बदलीं। आज हिंदु और मुस्लिम आपसी सद्भाव के साथ रह रहे हैं। अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के तीन दशक बाद तीर्थ नगरी के लोग सारी कड़वाहट भूलकर आगे बढ़ गये हैं।
आज छह दिसंबर है। भारत के इतिहास में यह दिन काफी मायने रखता है क्योंकि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बने मस्जिद के ढांचे को आज ही के दिन गिराया गया था। 30 बरस पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी यह घटना भारत के इतिहास में प्रमुखता के साथ दर्ज है। उस समय राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने के लिए उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहा दिया था। इससे देश के दो संप्रदायों के बीच पहले से मौजूद रंजिश की दरार बढ़कर खाई में बदल गई थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ था।
लेकिन समय बदला और स्थितियां भी बदलीं। आज हिंदू और मुस्लिम आपसी सद्भाव के साथ रह रहे हैं। अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के तीन दशक बाद तीर्थ नगरी के लोग सारी कड़वाहट भूलकर आगे बढ़ गये हैं और डर व संशय की बजाय आज के दिन को सामान्य दिन के रूप में ही ले रहे हैं। यहां अब पहले की तरह बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी की पूर्व संध्या पर अयोध्या पुलिस छावनी और बख्तरबंद किले की तरह भी नहीं दिखता लेकिन जिला प्रशासन ने फिर भी एहतियात के तौर पर छह दिसंबर को अयोध्या में बाबरी ध्वंस बरसी के मौके पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। अयोध्या के माहौल में बदलाव का आलम यह है कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा छह दिसंबर को न तो “शौर्य दिवस” मनाया जाएगा और न ही मुस्लिम पक्ष इस बार इसे “काला दिवस” के रूप में मनाएगा। दोनों समुदायों के लोग शांतिपूर्ण माहौल के लिए आगे बढ़े हैं और मस्जिद विध्वंस की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए आज कोई आयोजन नहीं होंगे।
हम आपको याद दिला दें कि उच्चतम न्यायालय के 2019 में फैसले के साथ राम जन्मभूमि विवाद समाप्त हो गया था। इस समय अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सचिव चंपत राय कह चुके हैं कि रामभक्त जनवरी 2024 से नए मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। वहीं, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने भी कहा है कि अयोध्या में मस्जिद दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगी। हम आपको बता दें कि शीर्ष अदालत के आदेश द्वारा प्रदान की गई पांच एकड़ भूमि पर नई मस्जिद बनाने के काम की जिम्मेदारी अतहर हुसैन ही संभाल रहे हैं।
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देखा जाये तो अयोध्या में इस समय विकास की नई धारा देखने को मिल रही है। राम मंदिर के साथ ही नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन रहा है। रेलवे स्टेशन का विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण हुआ है। सड़कों का कायाकल्प हो चुका है और जिस तेजी से सबकी सहमति से अवैध ढांचों को हटा कर सड़कों का चौड़ीकरण किया गया है वह यहां आने वाले भक्तों को भी भा रहा है क्योंकि ट्रैफिक जाम की समस्या का काफी हद तक हल हो चुका है। इसके साथ ही यहां दीवाली पर होने वाला दीपोत्सव अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां के लगातार दौरे करते हैं और विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हैं जिससे प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहता है। मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि अयोध्या के विकास के लिए धन की कमी नहीं होने देंगे।
वहीं अयोध्या वासियों का कहना है कि यहां अब पूरी तरह शांति है और आपसी विश्वास व सांप्रदायिक सद्भाव बना हुआ है। अयोध्या के लोगों का कहना है कि छह दिसंबर अब किसी अन्य दिन की तरह ही है। उनका कहना है कि कुछ साल पहले यहां बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता है। उनका यह भी कहना है कि अयोध्या में जबरदस्त परिवर्तन आ चुका है और जिस तरह से अयोध्या को सजाया जा रहा है उसको देखकर हमें गर्व हो रहा है।