Prabhasakshi Exclusive: Vladimir Putin के मास्टरस्ट्रोक की वजह से बिखर गया NATO, दोतरफा युद्ध में फँस गया America, Ukraine का भविष्य अब पूरी तरह अँधकारमय हुआ

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात क्या हैं? हमने यह भी जानना चाहा कि आखिर क्यों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फिलस्तीन के साथ खड़े हो गये और क्यों यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की इजराइल का समर्थन कर रहे हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि यह सारा खेल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से खेला गया है। उन्होंने कहा कि अब तक यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका और उसके सहयोगी नाटो देश चट्टान की तरह खड़े रहे जिसके चलते रूस को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने कहा कि लेकिन इजराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू हो जाने के चलते रूस को अब कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने से रूस को राहत इसलिए मिली है क्योंकि इजराइल के समर्थन में जिस तरह अमेरिका खुल कर खड़ा हुआ है और उसे हथियार मुहैया करा रहा है उससे अमेरिका दोतरफा लड़ाई में उलझ गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर यूक्रेन में अमेरिका सबसे बड़ा मददगार बना हुआ है तो यही भूमिका अब वह इजराइल में भी निभायेगा, इस तरह दो तरफ वह पूरी ध्यान नहीं दे पायेगा और जाहिर तौर पर अब उसकी प्राथमिकता इजराइल ही होगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इजराइल और हमास के बीच युद्ध होने से जिस तरह नाटो देश बिखरे हैं वह भी पुतिन के लिए बड़ी राहत की बात है। उन्होंने कहा कि फिलस्तीन और इजराइल के समर्थन को लेकर नाटो देशों के मतभेद रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा असर डालने वाले हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा यह रिपोर्टें भी हैं कि हमास के पास नाटो देशों में बने हथियार मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस खबर से यह अंदेशा उत्पन्न होता है कि संभवतः रूस ने यूक्रेन को नाटो से मिले जो हथियार जब्त किये थे उन्हें ईरान के जरिये हमास को भिजवाया गया है। उन्होंने कहा कि जहां तक यूक्रेनी राष्ट्रपति के इजराइल के समर्थन में खड़े होने की बात है तो इसका बड़ा कारण यह भी है कि वह देख रहे हैं कि पश्चिमी देश इजराइल के साथ खड़े हैं। इस समय यूक्रेन को सबसे ज्यादा आर्थिक और सैन्य मदद पश्चिमी देश ही दे रहे हैं, ऐसे में जेलेंस्की इजराइल का विरोध कर पश्चिमी देशों की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहेंगे।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक रूस-यूक्रेन संघर्ष की ताजा स्थिति की बात है तो रूस ने प्रमुख पूर्वी यूक्रेनी शहर अवदीवका पर अपने हमले को आगे बढ़ाना जारी रखा है। उन्होंने कहा कि खुद यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि रूस ने बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को अवदीवका में फिर से तैनात किया है। रूसी सेना ने भी कहा है कि उसने अवदीवका के आसपास के बाहरी इलाके में अपनी स्थिति में सुधार किया है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, मध्य यूक्रेनी क्षेत्र निप्रॉपेट्रोस के निकोपोल शहर में एक स्कूल पर रूसी मिसाइल के हमले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की खबर है। उन्होंने कहा कि आंतरिक मंत्री इहोर क्लिमेंको ने हमले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने ह्रोज़ा के दो पूर्व निवासियों पर मिसाइल हमले में मदद करने का आरोप लगाया है जिसमें पिछले सप्ताह गांव में सैनिकों की उपस्थिति में लगभग 55 लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि वह लोग रूसियों के लिए तब काम करते थे जब 2022 में कई महीनों के लिए ह्रोज़ा पर कब्जा कर लिया गया था और पिछले साल सितंबर में यूक्रेन द्वारा गांव पर नियंत्रण हासिल करने से कुछ समय पहले वह रूस भाग गए थे। उन्होंने कहा कि उन संदिग्धों ने मॉस्को के लिए काम करना जारी रखा और यूक्रेन में मुखबिरों का एक नेटवर्क बनाया जोकि यूक्रेन के लिए अब बहुत बड़ी मुसीबत बन चुका है।

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