Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine War को चलते हुए 600 से ज्यादा दिन हो गये, इस समय युद्ध में कौन आगे नजर आ रहा है?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के ताजा हालात क्या हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि युद्ध चल रहा है मगर स्थिर है। उन्होंने कहा कि दुनिया का ध्यान इस समय मध्य-पूर्व के हालात की ओर लग गया है इसलिए खुद रूस और यूक्रेन भी अपने युद्ध पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर रूसी राष्ट्रपति चीन के दौरे पर पहुँचे हैं तो यूक्रेन के राष्ट्रपति भी मदद के लिए विभिन्न देशों के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन रूस ने दर्शा दिया है कि वह कितनी बड़ी ताकत है। यूक्रेन को अमेरिका, ब्रिटेन तथा अन्य कई देशों ने अपने टैंक, मिसाइलें और ना जाने कौन-कौन-से अस्त्र शस्त्र दे दिये लेकिन कोई कारगर सिद्ध नहीं हुआ। 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि युद्ध को चलते हुए 600 से ज्यादा दिन हो गये लेकिन यूक्रेन अब तक कोई भी निर्णायक बढ़त हासिल नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह यूक्रेन के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ जनरल वलेरी ज़ालुज़नी ने कहा कि सैनिकों को पूर्वी शहर अवदीवका में नए सिरे से रूसी हमले का सामना करना पड़ा। ज़ालुज़नी ने टेलीग्राम पर लिखा, “दुश्मन हमारी सुरक्षा में सेंध लगाने और [अवदीवका] को घेरने की कोशिशों में पीछे नहीं हट रहा है।” उन्होंने कहा कि रूसी सैनिक और बड़ी मात्रा में बख्तरबंद उपकरण ला रहे हैं और साथ ही विमान और तोपखाने भी तैनात कर रहे हैं। वहीं रूस की ओर से कहा गया है कि उसकी सेनाओं ने अवदीवका के पास एक कमांड प्वाइंट को नष्ट कर दिया था और कुपियांस्क के पास 11 यूक्रेनी हमलों को नाकाम कर दिया था।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा यूक्रेन की दक्षिणी सेना समूह के प्रवक्ता ऑलेक्ज़ेंडर श्टुपुन ने जानकारी दी है कि यूक्रेनी सैनिक दक्षिणी ज़ापोरिज़िया क्षेत्र के वेरबोव गांव के दक्षिण-पश्चिम में 400 मीटर (एक चौथाई मील) आगे बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि वेरबोव, रोबोटिन से कुछ किलोमीटर पूर्व में है। इस गांव पर यूक्रेन ने पिछले महीने आज़ोव सागर की ओर चलाये गये अपने अभियान के तहत पुनः कब्जा कर लिया था। इसके अलावा, वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि यूक्रेनी सेना दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में डीनिप्रो नदी के पूर्वी तट पर घुस गई है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि इस बीच, यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि रूसी सेना ने 17 अलग-अलग हथियारों का उपयोग करके पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी यूक्रेन में औद्योगिक और नागरिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों और हमलावर ड्रोन सहित नए हवाई हमले किए। बताया गया है कि यूक्रेनी बलों ने तीन ड्रोन और एक क्रूज मिसाइल को मार गिराया।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसने यूनाइटेड किंगडम के तीन सैन्य विमानों- दो लड़ाकू विमानों के साथ एक टोही विमान को रोकने के लिए दो Su-27 लड़ाकू विमानों को तैनात किया, क्योंकि वे काला सागर के ऊपर रूसी हवाई क्षेत्र के पास पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि साथ ही नाटो ने कहा है कि हाल ही में समुद्र के नीचे बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के बाद उसने बाल्टिक सागर में गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यूक्रेन की संसद ने 2024 के बजट को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी, जिससे सेना और राष्ट्रीय रक्षा के लिए धन में वृद्धि होगी। वित्त मंत्री सेरही मार्चेंको ने कहा है कि अगले साल सरकार की प्राथमिकताओं में रक्षा और सुरक्षा के लिए धन जमा करना और “यूक्रेन की जीत को करीब लाने के लिए” आबादी के लिए सामाजिक भुगतान सुनिश्चित करना भी शामिल है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस तरह रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े यह छिटपुट ताजा समाचार ही रहे। उन्होंने कहा कि लेकिन रूस अब सर्दियों के लिए तैयारी कर चुका है और इस बार उसका प्रहार ऐसा होगा कि यूक्रेन के लिए उसे संभालना मुश्किल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन रूस आये और अब रूस के विदेश मंत्री उत्तर कोरिया में गये हुए हैं, वह दर्शा रहा है कि रूस अब खतरनाक से खतरनाक कदम उठाने से भी नहीं चूकेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भी जानकारी दी है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए रूस को हथियार मुहैया कराये हैं। उन्होंने कहा कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जिस तरह रूस-चीन और उत्तर कोरिया के साथ नियमित सुरक्षा वार्ता का प्रस्ताव रखा है वह काफी बड़े संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक की लड़ाई में एक बात साफ है कि रूस ने पहले दिन भी बढ़त बनाई हुई थी और वह आज भी बढ़त बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पश्चिमी देशों का ध्यान इजराइल की मदद की ओर गया है उससे यूक्रेन के जल्द ही अलग-थलग पड़ जाने की संभावना है।

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