Prabhasakshi Exclusive: PM Modi ने NSA Ajit Doval को अचानक Israel में किस मिशन पर भेजा था, क्या संघर्षविराम के लिए पहल हो रही है?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि एनएसए अजित डोभाल इजराइल होकर आये, क्या आपको लगता है कि संघर्षविराम कराने के प्रयासों में भारत भी शामिल है? हमने यह भी जानना चाहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने भी जल्द ही इजराइल और हमास के बीच संघर्षविराम कराने के संकेत दिये हैं। इसे कैसे देखते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का इजराइल दौरा काफी महत्वपूर्ण था और इसकी भूमिका काफी समय से बनाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कई मोर्चों पर काम संभाला हुआ है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूएई, ईरान, मिस्र तथा कई अन्य देशों की यात्रा पर होकर आये और इजराइल-हमास संघर्ष से उपजी परिस्थितियों पर चर्चा कर मुद्दे के समाधान के उपाय तलाशे। इसके अलावा अजित डोभाल को इजराइल भेजना एक तरह से प्रधानमंत्री के दूत को भेजना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और इजराइली प्रधानमंत्री की दोस्ती जगजाहिर है। 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच कई बार बातचीत भी हो चुकी है। हमास के हमले की प्रधानमंत्री मोदी ने निंदा करते हुए उसे आतंकवादी कृत्य बताया था। भारत सरकार कहती रही है कि इस समस्या का समाधान दो-राष्ट्र के सिद्धांत से ही संभव है। उन्होंने कहा कि अजित डोभाल ने आतंकवाद के प्रति भारत की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के परिणामों से इजराइल को अवगत कराया होगा साथ ही उन्होंने गाजा के हालात को लेकर भी अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह तो समाचारों में आया भी है कि डोभाल ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर भीषण खाद्य संकट से जूझ रहे गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति की समस्या को सुलझाने की तत्काल आवश्यकता और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आप देखिये कि डोभाल के इजराइल दौरे के बाद गाजा में मानवीय सहायता वाले ट्रकों को प्रवेश की अनुमति मिलने लगी है। रमजान के दिनों में तो यह और भी नेक काम माना जाएगा। 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इस मुलाकात के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री के आधिकारिक हैंडल से की गई पोस्ट में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से आज मुलाकात की और उन्हें गाजा पट्टी में जारी युद्ध से जुड़े हालिया घटनाक्रम की जानकारी दी। पोस्ट में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने बंधकों को छुड़ाने के प्रयास और मानवीय सहायता के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि गाजा पट्टी में कम से कम 5,76,000 लोग यानी कुल आबादी का एक-चौथाई हिस्सा खाद्य संकट से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि डोभाल ने अपने इजराइली समकक्ष तजाखी हानेग्बी से भी मुलाकात की, जो नेतन्याहू के साथ उनकी बैठक के दौरान भी मौजूद थे।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात, कतर, सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन जैसे क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए चर्चा में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने गाजा में फलस्तीनी आबादी को जरूरी वस्तुओं की खेप भेजकर आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने के प्रयासों में मदद की है। उन्होंने कहा कि हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर, 2023 को हमला कर दिया था जिसमें करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और उसने 250 लोगों को बंधक बना लिया था। हमास की कैद में अब भी करीब 100 बंधकों के होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमास के हमले के बाद इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसके कारण युद्ध शुरू हो गया। गाजा में इजराइल के हमलों में 30,000 से अधिक फलस्तीनियों के मारे जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब यह संघर्ष रुकना चाहिए लेकिन इसके आसार नहीं दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति और कई अन्य पश्चिमी देश ऐलान तो बड़े-बड़े कर रहे हैं लेकिन घरेलू राजनीति में फंसे होने के कारण कोई इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राहत की बात यह है कि कुछ सहायता सामग्री से भरे ट्रकों को गाजा में प्रवेश दिया जा रहा है।

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