Prabhasakshi Exclusive: Mohamed Muizzu ने China के बहकावे में आकर Modi से पंगा तो ले लिया, अब देखिये क्या हश्र हो रहा है

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि मालदीव में जिस तरह राष्ट्रपति मुइज्जु का विरोध बढ़ने लगा है उसे कैसे देखते हैं आप? हमने यह भी जानना चाहा कि भारत और मालदीव के संबंध अब किस मोड़ पर हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अब यह अहसास हो गया होगा कि उनसे कितनी बड़ी गलती हो गयी है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रियों के मनोनयन को संसद की मंजूरी नहीं मिलना, संसद में मारपीट होना, विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति को भारत से माफी मांगने की सलाह देना और मालदीव की जनता के मन में चीन के प्रति बढ़ता गुस्सा तथा राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग आना दर्शा रहा है कि मुइज्जू को भारत विरोध बहुत भारी पड़ने वाला है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंधों में ताजा अपडेट यही है कि मालदीव के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत इस द्वीपीय देश में तीन विमानन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मालदीव के विदेश मंत्रालय का यह बयान इस विवादास्पद मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच एक उच्च-स्तरीय बैठक के कुछ घंटे बाद आया। दोनों देशों के कोर समूह की बैठक दिल्ली में संपन्न हुई, जिसमें मुख्य रूप से मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के विषय पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष मालदीव में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखने के लिए कुछ परस्पर स्वीकार्य समाधान पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि पिछले महीने, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक द्वीपीय राष्ट्र से अपने सभी सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने को कहा था। उन्होंने कहा कि मालदीव के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च तक तीन विमानन प्लेटफार्म में से एक में सैन्यकर्मियों को बदल देगी और 10 मई तक अन्य दो प्लेटफार्म में सैन्यकर्मियों को बदलने का काम पूरा कर लेगी।’ अपने बयान में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष मालदीव के लोगों को मानवीय सहायता एवं मेडिकल बचाव सेवाएं मुहैया करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखने के लिए कुछ परस्पर स्वीकार्य समाधान पर सहमत हुए हैं। बयान में कहा गया है कि उच्च-स्तरीय कोर समूह की अगली बैठक पारस्परिक रूप से एक सुविधाजनक तारीख को माले में आयोजित करने पर सहमति बनी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने जारी विकास सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने सहित साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर अपनी चर्चा जारी रखी। उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में, दुबई में सीओपी28 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच हुई एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर समूह गठित करने का निर्णय लिया था।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अभी भारत के करीब 80 सैन्यकर्मी मालदीव में हैं, जो मुख्य रूप से दो हेलीकाप्टर और एक विमान का संचालन करने के लिए हैं। इनके जरिये सैंकड़ों मेडिकल बचाव एवं मानवीय सहायता मिशन को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। कार्यभार संभालने के बाद, व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू का यह कहना है कि वह भारतीय सैन्यकर्मियों को देश से निष्कासित कर अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि मालदीव, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में (मालदीव की) पूर्ववर्ती सरकार के तहत प्रगति हुई थी।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मालदीव में यह बात बेहद निराली हुई कि जम्हूरी पार्टी के नेता जसीम इब्राहिम ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से औपचारिक रूप से माफी मांगने और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए ‘‘राजनयिक सुलह’’ करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि जसीम इब्राहिम की यह मांग चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू की उन टिप्पणियों के संदर्भ में की गयी है जिसमें इस महीने की शुरुआत में उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर भारत को धमकाने वाला देश बताया था। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि जम्हूरी पार्टी ने यह मांग तब की है जब विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने कहा कि उसकी मुइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए एक प्रस्ताव रखने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि हालांकि मालदीव सरकार ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की विपक्ष की योजना के मद्देनजर संसद के स्थायी आदेशों में हुए हालिया संशोधन को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि इस समय मालदीव के राष्ट्रपति की जो स्थिति है उसको देखते हुए यही लगता है कि उनके मन में भी आ रहा होगा कि चीन के बहकावे में आकर भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जो पंगा लिया है उससे उनके सत्ता स्वाद का सारा मजा खराब हो गया।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *