Prabhasakshi Exclusive: Israel-Hamas War अब किस दिशा में जा रही है? क्या दोनों ओर के आम लोग ऐसे ही मरते रहेंगे?

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इजराइल और हमास जिस तरह एक दूसरे के नागरिकों पर हमले कर रहे हैं उससे यह युद्ध अब किस दिशा में जाता दिख रहा है? हमने यह भी जानना चाहा कि इस युद्ध में आगे क्या होने वाला है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जहां तक दोनों ओर से हो रहे अमानवीय व्यवहार की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन इजराइल और हमास कर ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर घड़ी इज़राइल-हमास संघर्ष में और भयावहता की खबरे आ रही हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय कानून को क्या भूमिका निभानी चाहिए? और क्या वास्तव में इसमें लड़ाकों के व्यवहार को बाधित करने की कोई क्षमता है?

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि 7 अक्टूबर को, हमास आतंकवादी समूह ने जमीनी हमले से पहले इज़राइल के खिलाफ हजारों रॉकेट लॉन्च किए। आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल के कस्बों और किबुत्ज़िम में 1,400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी और 3,400 अन्य को घायल कर दिया। होलोकास्ट के बाद से यह यहूदी लोगों के लिए सबसे घातक दिन था। मारे गए लोगों में से अधिकांश नागरिक थे, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे जिन्हें गोली मार दी गई, उड़ा दिया गया या जलाकर मार दिया गया। एक संगीत समारोह में सैंकड़ों युवाओं की भी हत्या कर दी गई और हमास लगभग 200 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गया। उन्होंने कहा कि इज़राइल इस हमले का जवाब हवाई हमलों से दे रहा है, जिसमें अब तक गाजा में कम से कम 4,000 लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं। इन हताहतों में से अधिकांश फ़लस्तीनी नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि गाजा पर संभावित जमीनी हमले की तैयारी के लिए इज़राइल ने भी तेजी से लगभग 360,000 आरक्षित सैनिक जुटाए हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हाल के दिनों में, गाजा के एक अस्पताल में हुए विस्फोट में सैंकड़ों लोग मारे गए, जिनमें मरीज़ और शरण की तलाश कर रहे विस्थापित लोग भी शामिल थे। हमास और कई अरब देशों ने विस्फोट के लिए इज़राइल को दोषी ठहराया है, जबकि इज़राइल ने फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि गाजा में ऐसे लोगों के लिए हालत गंभीर है, जिन्हें तत्काल मदद की जरूरत है, जिनमें इस महीने बच्चे को जन्म देने वाली 5,000 महिलाएं और नवजात शिशु भी शामिल हैं, जिनके परिवारों को इन बच्चों के लिए दूध तैयार करने के लिए पीने का पानी तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बीच, इज़राइल ने गाजा को पानी, बिजली और ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी है और क्षेत्र की पूरी तरह से घेराबंदी करने का आदेश दिया है। इज़राइल ने उत्तरी गाजा के निवासियों को भी दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है। सहायता एजेंसियां मिस्र के साथ सीमा पार करके नागरिकों को अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करने में असमर्थ रही हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि गाजा पहले से ही मानवीय संकट झेल रहा था। अब हालात पूरी तरह बेकाबू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से युद्ध करना गैरकानूनी है जिससे अनावश्यक पीड़ा हो। नागरिकों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले अवैध हैं। उन्होंने कहा कि जो हालात दिख रहे हैं वह दर्शा रहे हैं कि इज़राइल वास्तव में गाजा पट्टी पर कब्ज़ा कर सकता है। यदि इजराइल ने जमीनी आक्रमण शुरू किया तो यह तर्क मजबूत हो जाएगा कि इजराइल गाजा पर कब्जा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आम लोगों की जान का असल दुश्मन हमास ही है क्योंकि उसने यदि इजराइल पर हमला नहीं किया होता तो यह स्थिति ही पैदा नहीं होती। उन्होंने कहा कि हमास ने फ़लस्तीनी नागरिकों को यह कहकर नुकसान की स्थिति में डाल दिया कि वे इज़राइल के आदेश के अनुसार दक्षिणी गाजा को खाली न करें। इस समूह का इज़राइल के साथ संघर्ष में रणनीतिक उपकरण के रूप में नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करने का इतिहास है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक इस युद्ध के भविष्य की बात है तो हमें यह ध्यान रखना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून पुष्टि करता है कि कोई देश सशस्त्र हमले के जवाब में अपनी रक्षा के लिए बल का प्रयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है लेकिन इसका कोई असर नहीं होगा। संयुक्त राष्ट्र ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को भी खत्म करने का आह्वान किया था लेकिन आगामी कुछ महीनों में इस युद्ध को चलते हुए दो साल हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री के सख्त तेवर को देखते हुए यही लग रहा है कि वह अपने देश को हमास रूपी समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाने का निर्णय कर चुके हैं इसलिए यह युद्ध अभी लंबा चलेगा।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *