Prabhasakshi Exclusive: किस ओर जा रहा Isreal-Hawas War, क्या सीजफायर संभंव है?

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हमास को भी लगातार कई संगठनों का साथ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम हमास को किसी भी तरह से कम नहीं आंक सकते। हां, जितने उन्नत किस्म के इजरायल के पास हथियार हैं वैसा हमास के पास नहीं है। लेकिन हमास इतनी जल्दी हार नहीं मानेगा, यह संभव नहीं है।

हम लगातार इस युद्ध की चर्चा करते रहे हैं। दुनिया में सभी को लग रहा था कि यह जल्दी खत्म हो जाएगी। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। हम यहां शुरू से कहते रहे हैं हमास पूरी तैयारी के बाद ही आगे बढ़ा है। वर्तमान में देखें तो हिजबुल्लाह भी अब आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। यह भी एक ट्रेंड ऑर्गेनाइजेशन है। इसकी अपनी क्षमता बेहद मजबूत है। हमास को भी लगातार कई संगठनों का साथ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम हमास को किसी भी तरह से कम नहीं आंक सकते। हां, जितने उन्नत किस्म के इजरायल के पास हथियार हैं वैसा हमास के पास नहीं है। लेकिन हमास इतनी जल्दी हार नहीं मानेगा, यह संभव नहीं है। अभी तक के इसराइल को यह पता नहीं चल पाया है कि हमास कितनी संख्या में हैं। तो यह कहीं ना कहीं इजरायल की चुनौतियों को बढ़ाने वाला है। इजराइल की चुनौती सिर्फ एक मोर्चे पर नहीं है इजराइल की चुनौतियां कई मोर्चे पर सामने दिखाई दे रही हैं। एक और हिजबुल्लाह है तो दूसरी ओर सीरिया है। इसके साथ ही हमास  चुनौती दे ही रहा है। साथ ही साथ हमास आपके भीतर भी घुस चुका है। इसराइल के लिए समस्या यह भी है कि वह हमास की पहचान कैसे करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह युद्ध इतनी जल्दी समाप्त होने नहीं जा रहा है।

डीएस त्रिपाठी ने कहा कि सभी के पास जो रिसोर्सेस है वह सीमित संख्या में है। ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह युद्ध कहां जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ी त्रासदी है कि इस तरह के युद्ध का आम लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। वह इसके सबसे ज्यादा शिकार होते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। न सिर्फ गाजा में इस तरह की समस्याएं हैं बल्कि इजराइल भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को बंधक बनाकर ले जाना यह फौज के कानून में नहीं है और अगर ऐसा हुआ है तो यह पूरी तरीके से गलत है। जिस तरीके से हमास ने नरसंहार किया वह भी बहुत गलत है। उन्होंने कहा की शुरुआत हमास की ओर से ही हुई है, इसमें कोई दो राय नहीं है। इजराइल साफ तौर पर कहता रहा है कि हम हमास को खत्म करेंगे। लेकिन हमास कौन है, इसको समझ पाना फिलहाल इजरायल के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल है।

त्रिपाठी ने कहा कि दोनों ओर से दावे किए जा रहे हैं कि इतने लोग मारे हैं लेकिन हमास कितनी संख्या में मारे गए हैं, इसका आंकड़ा कोई नहीं दे पा रहा। हालांकि किसी भी तरीके से आम लोगों को इसका शिकार बनने से बचाना होगा। यह कहीं से भी मानवता के हित में नहीं है। दोनों ही जगह पर मूलभूत सुविधाओं का लगातार अभाव हो रहा है जिससे मानवीय जीवन को सबसे ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है। हमास अपनी पूरी तैयारी करके बैठा हुआ है। उसने तेल से लेकर खाद्य पदार्थ तक कोई इकट्ठा किया हुआ है। उसके पास हथियार तक तैयार है। हमास के लोग कहां छुपे हैं, इसका भी कुछ पता नहीं चल पा रहा। उन्होंने कहा कि यह सभी देश मान रहे हैं कि यह मानवीय त्रासदी है। अमेरिका सीजफायर के पक्ष में नहीं है। वह अल्पविराम लेना चाहता है। इसका बड़ा कारण यह भी है कि अगर सीजफायर होता है तो कहीं ना कहीं हमास को फिर से तैयारी करने का मौका मिल सकता है। अमेरिका भी पूरी तरीके से इस स्टैंड पर कायम है कि हमास का खात्मा करना है पर कैसे खत्म करना है इसको लेकर वह कुछ नहीं बोल रहा। उन्होंने कहा कि रूस, चीन और खाड़ी देश जो है वह एक साइड है और इनका साफ तौर पर कहना है कि अब जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन भी कह रहे हैं इस समस्या का समाधान टू नेशन थिअरी ही है जबकि भारत लगातार इसका समर्थन करता रहा है। 

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