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पिथौरागढ़ की रहने वाली कविता ने भी ऐंपण कला के क्षेत्र में अपनी मेहनत और लगन के जरिये जो मुकाम पाया है, वह काबिले तारीफ है. वह आर्ट की छात्रा रही हैं और ऐंपण भी बचपन से ही बनाती रही हैं. उन्होंने इसे आगे बढ़ाने की योजना बनाई और इस कला से ही रोजगार से जुड़ने का रास्ता चुना. थाली, प्लेट, केतली, राखियां, कपड़े आदि चीजों पर बनाई कविता की ऐंपण कलाकृति देखकर आप हैरान रह जाएंगे.