Poorvottar Lok: Assam में पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार हुई सक्रिय, Manipur विधानसभा का सत्र 28 फरवरी से, Arunachal Pradesh में अंतरिम बजट पेश

असम सरकार ने जहां पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर कर्मचारियों से बात शुरू कर दी है वहीं असम और मिजोरम लंबे समय से चले आ रहे अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमत हो गये हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनावों को देखते हुए विभिन्न पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी शुरू कर दी है। इस बीच मणिपुर से समाचार है कि विधानसभा का नया सत्र 28 फरवरी से शुरू होगा। वहीं त्रिपुरा में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में टीसीए के पूर्व सचिव समेत 10 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वहीं नगालैंड से खबर आई है कि राज्य सरकार भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने को लेकर विभिन्न संगठनों के साथ बैठक करेगी। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर भारत से कई समाचार रहे। आइये सब पर डालते हैं एक नजर और सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग कर रहे कर्मचारियों के साथ बातचीत कर रही है। एक मंत्री ने राज्य विधानसभा में यह जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि मौजूदा सरकार को मालूम है कि जिन कर्मचारियों की सेवा अवधि कम बची है, वे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत ”सीमित लाभ ही उठा सकेंगे।’’ पीयूष हजारिका ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री पहले ही ओपीएस को वापस लाने की मांग पर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर चुके हैं। असम गण परिषद (एजीपी) विधायक रामेंद्र नारायण कलिता ने राज्य में एनपीएस को लेकर कर्मचारियों की शिकायतों का मामला सदन में उठाया और कहा कि अगर ओपीएस बहाल किया जाता है तो कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा। सरकार की ओर से जवाब देते हुए हजारिका ने कहा कि एनपीएस को ओपीएस के प्रावधानों के आधार पर ही तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि नयी प्रणाली में ग्रेच्युटी भुगतान और पारिवारिक पेंशन सहित अन्य प्रावधान हैं, जैसा कि ओपीएस के अंतर्गत था।

इसके अलावा, मिजोरम और असम लंबे समय से लंबित अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करने पर शुक्रवार को सहमत हो गए। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार सुबह अपने मिजोरम के समकक्ष लालदुहोमा को भोजन पर आमंत्रित किया और दोनों नेताओं ने सीमा विवाद मुद्दे पर चर्चा की। लालदुहोमा इस समय गुवाहाटी में हैं। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान लालदुहोमा और शर्मा ने दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेता तब तक सीमाओं पर शांति बनाए रखने पर भी सहमत हुए, जब तक दोनों पड़ोसी राज्य सीमा विवाद के मुद्दे पर वार्ता करते रहेंगे। शर्मा ने लालदुहोमा से कहा कि असम विधानसभा का मौजूदा बजट सत्र समाप्त होने पर वह अपने सीमा प्रभारी मंत्री को मिजोरम भेजेंगे। मिजोरम के तीन जिले- आइजोल, कोलासिब और ममित – असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है, जो मुख्य रूप से दो औपनिवेशिक सीमांकन से उत्पन्न हुआ है। मिजोरम का दावा है कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर), 1873 के तहत 1875 में अधिसूचित इनर लाइन आरक्षित वन का 509 वर्ग मील क्षेत्र उसके क्षेत्र में आता है। दूसरी ओर, असम ने 1933 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार किए गए मानचित्र में दिखाई गई सीमा को अपनी संवैधानिक सीमा माना है। दोनों राज्यों के बीच सीमाओं का कोई जमीनी सीमांकन नहीं है। मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद ने जुलाई 2021 में उस समय एक भयावह मोड़ ले लिया था, जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा पर गोलीबारी हुई थी।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को विधानसभा में आरोप लगाया कि ‘केरल के सांसद’ धार्मिक रूप से संवेदनशील स्थानों में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का नेतृत्व करते हुए यहां आए थे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने एक घंटा 56 मिनट के भाषण के दौरान कई बार यात्रा पर निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी का नाम नहीं लिया। शर्मा ने दावा किया, “हम नेल्ली नरसंहार को भूलना चाहते हैं। चाहे वहां किसी की भी मौत हुई हो, हम असम में रक्तपात नहीं चाहते। जब पूरा असम राम मंदिर अभिषेक के लिए जय श्री राम का उद्घोष कर रहा था, तब एक राजनीतिक दल धार्मिक रूप से संवेदनशील नागांव व मोरीगांव में राजनीति करना चाहता था।” राज्य में अवैध घुसपैठ के खिलाफ 1979 से 1985 तक चले असम आंदोलन के दौरान 1983 में हुए नेल्ली नरसंहार में एक ही रात 2100 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह जगह मोरीगांव में है। राहुल गांधी को 22 जनवरी को नागांव के बरदौवा में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान का दौरा करने से रोक दिया गया था, जिसके बाद वह सड़क पर बैठ गए थे। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘वह एक राष्ट्रीय नेता और केरल के सांसद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें सभी राज्यों और धर्मों की संवेदनशीलता को समझना चाहिए।’’

इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गुवाहाटी समेत असम की तीन सीट के लिए बृहस्पतिवार को अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। ‘आप’ के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने डिब्रूगढ़ से पार्टी उम्मीदवार मनोज धनोहर, गुवाहाटी से भाभेन चौधरी और सोनितपुर से ऋषि राज के नामों की घोषणा की। पाठक ने ‘आप’ मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब चुनाव के लिए बहुत कम समय बचा है। उन्होंने कहा, ‘‘अब सभी चीजों में तेजी लाई जानी चाहिए। कई महीनों से बातचीत जारी है लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। हमें चुनाव लड़ना है और जीतना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव बहुत करीब हैं। हमें चुनाव की तैयारियों के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और बहुत काम करने की जरूरत है। हमारे पास इतना समय नहीं है। चुनाव नजदीक आने के साथ ही तैयारियों का समय भी कम होता जा रहा है।’’ पाठक ने कहा कि ‘आप’ असम की तीन सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कड़ी मेहनत करेगी। राज्य में लोकसभा के 14 निर्वाचन क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक परिपक्व गठबंधन के भागीदार हैं और हमें पूरा विश्वास है कि ‘इंडिया’ गठबंधन इसे स्वीकार करेगा। लेकिन चुनाव जीतना सबसे महत्वपूर्ण है। हम इन तीन सीट के लिए तुरंत तैयारी शुरू कर रहे हैं।’’ पाठक ने आसन्न चुनावों के मद्देनजर सीट बंटवारे के ‘फॉर्मूले’ में तेजी लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के साथ हैं। गठबंधन पर सभी फैसले तुरंत लिए जाने चाहिए।’’ इससे पहले, ‘आप’ नेताओं ने कहा था कि पार्टी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और गोवा में सीट बंटवारे पर कांग्रेस के साथ बातचीत कर रही है। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में सीट बंटवारे को लेकर ‘आप’ और कांग्रेस के बीच बातचीत रुकी हुई है। सूत्रों ने कहा कि हालांकि, दोनों पार्टियों की राज्य इकाइयां पंजाब में किसी भी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। दिल्ली में ‘आप’ नेता लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

इसके अलावा, असम विधानसभा में बुधवार को बताया गया कि असम की लगभग 83,000 हेक्टेयर भूमि पर वर्तमान में चार पड़ोसी राज्यों का कब्जा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बिद्या सिंग एंगलेंग के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि 17 जिलों में कुल 82,751.86 हेक्टेयर भूमि अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय और मिजोरम के नियंत्रण में है। बोरा ने कहा कि इस तरह का सबसे ज्यादा 59,490.21 हेक्टेयर क्षेत्र नगालैंड के नियंत्रण में है। मंत्री ने कहा कि मेघालय में असम की 3,441.86 हेक्टेयर भूमि है, जो चार राज्यों में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम ने क्रमशः 16,144.01 हेक्टेयर और 3,675.78 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया है। असम के 17 प्रभावित जिले सोनितपुर, बिश्वनाथ, लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, जोरहाट, शिवसागर, गोलाघाट, गोलपारा, कछार, कामरूप, साउथ सलमारा-मनकाचर, वेस्ट कार्बी आंगलोंग, हैलाकांडी और करीमगंज हैं। असम और इसके पड़ोसी राज्यों ने सीमा विवादों को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं।

इसके अलावा, असम सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के प्रबंधन के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा के राज्य बोर्ड का विलय करके एक नया बोर्ड बनाने का बुधवार को प्रस्ताव रखा। असम सरकार ने राज्य में 12वीं कक्षा तक की शिक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए एक नया बोर्ड बनाने के लिए विधानसभा में ‘असम राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड विधेयक, 2024’ पेश किया। विधेयक के अनुसार, असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, असम (एसईबीए) और असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद (एएचएसईसी) का विलय करके एक नया बोर्ड ‘असम राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड’ (एएसएसईबी) बनाया जाएगा। विधेयक के मुताबिक, यह विधेयक मौजूदा असम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद का विलय करके राज्य में माध्यमिक शिक्षा को विनियमित, पर्यवेक्षण और विकसित करने के लिए लाया गया है। एएसएसईबी की अगुवाई सरकार द्वारा नामित एक अध्यक्ष करेगा। उनके अधीन प्रत्येक संभाग के लिए एक उपाध्यक्ष होगा और उसे सरकार द्वारा नामित किया जाएगा। नये बोर्ड में कुल 21 सदस्य होंगे, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा और इसे इतनी ही अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकेगा। पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस विलय का निर्णय लिया गया था।

इसके अलावा, असम सरकार ने मई 2021 से मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की हवाई यात्रा पर 5,823 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं। राज्य सरकार ने विधानसभा को मंगलवार को यह जानकारी दी। सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री रंजीत कुमार दास ने निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सरकारी खर्च पर व्यक्तिगत या पार्टी से संबंधित गतिविधियों के लिए हवाई यात्रा सुविधा का लाभ नहीं उठाया है। दास ने कहा कि 10 मई, 2021 से 30 जनवरी, 2024 तक मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों की हवाई यात्रा पर कुल 5,823.07 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। सरकार ने विधानसभा को सूचित किया कि 2022 में असम में बाल विवाह के खिलाफ अभियान के दौरान 830 से अधिक बच्चों को बचाया गया। भाजपा विधायक मनाब डेका के एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अजंता नेओग ने कहा कि धुबरी जिले में सबसे अधिक 116 बच्चों को जबकि बक्सा में 82 और करीमगंज में 61 लोगों को बचाया गया। उन्होंने बताया कि ये अभियान जनवरी से दिसंबर 2022 तक चलाया गया।

मणिपुर

मणिपुर से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि मणिपुर विधानसभा का नया सत्र 28 फरवरी से प्रारंभ होगा। राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिन में मंत्रिमंडल की एक बैठक हुई जिसमें सत्र प्रारंभ करने की तारीख पर निर्णय लिया गया। सपम ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने 12वीं मणिपुर विधानसभा का पांचवां सत्र 28 फरवरी से आयोजित करने का फैसला किया है। चूंकि यह वर्ष का पहला सत्र है इसलिए राज्यपाल का अभिभाषण भी होगा।’’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्य पुलिस कमांडो को प्रति माह 5,000 रुपये का मुआवजा भत्ता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, वहीं मणिपुर में अन्य सुरक्षा बलों के लिए यह राशि 3,000 रुपये प्रति माह तय की गई है।

इसके अलावा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में पोस्त की अवैध खेती को खत्म करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सचिवालय में बृहस्पतिवार को “इस खतरे को खत्म करने के उपायों और नई रणनीतियों पर विचार-विमर्श” के लिए एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उपग्रह से मानचित्रण किया जा रहा है और पोस्त के खेतों का पता लगाने के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के माध्यम से सर्वेक्षण किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि बैठक में पोस्त की खेती की तस्वीरें कांगपोकपी, चुराचांदपुर, सेनापति और उखरुल जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सौंपी गई और उन्हें अन्य एजेंसियों की सहायता से इस महीने के अंत तक बागानों को नष्ट करने के लिए कहा गया है। सिंह ने कहा, ‘पोस्त की कटाई का मौसम चल रहा है। इसलिए कटाई से पहले पोस्त की खेती को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।’ सिंह ने भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर के विधायकों और लोगों की ओर से मैं सीमा पर बाड़ लगाने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह, सभी केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।’ मुख्यमंत्री ने कहा, “सीमा के एक किलोमीटर के हिस्से पर अत्याधुनिक हाइब्रिड बाड़ लगाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है। मैंने इसमें प्रगति देखी है। इसके अलावा, 20 किलोमीटर के संवेदनशील हिस्सों पर बाड़ लगाने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा जिसका आम तौर पर अवैध आग्नेयास्त्रों की तस्करी और आव्रजन के लिए उपयोग किया जाता है।” म्यांमा के साथ मणिपुर 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है जिसमें से 10 किलोमीटर के हिस्से पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है।’ मुख्यमंत्री ने “तेजी से जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों” पर विचार करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित करने के निर्णय के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मणिपुर में जनसंख्या आयोग के गठन की लोगों की लंबे समय से मांग थी। केंद्र सरकार द्वारा गठित की जाने वाली समिति राज्य के लोगों की इच्छा को पूरा करेगी।”

इसके अलावा, मणिपुर के आदिवासी समूहों के सदस्यों ने भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर विरोध जताया है। भारत-म्यांमा सीमा के करीब रहने वाले लोगों को एफएमआर के तहत बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक भीतर जाने की अनुमति है। आदिवासी समूहों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर बृहस्पतिवार को प्रतिक्रिया दी। शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए एफएमआर को खत्म करने का फैसला किया है। ‘जो यूनाइटेड’ के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग ने कहा, “मणिपुर और मिजोरम में आदिवासी समुदाय एफएमआर के फैसले से खुश नहीं हैं और वे बड़े स्तर पर निर्णय का विरोध करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।’ वुअलजोंग ने कहा, ‘हमने बुधवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ तीन घंटे तक बैठक की। हमने बैठक के दौरान उन विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जिनका हम अपने देश में सामना कर रहे हैं। उन्होंने हमारे मुद्दों तथा चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना है और कहा है कि वे इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचायेंगे।’ ‘जो यूनाइटेड’ एक समन्वय निकाय है जिसमें कुकी इंपी मणिपुर, जोमी काउंसिल, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ), कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू), हिल ट्राइबल काउंसिल (एचटीसी) और जनजाति परिषद जैसे सभी शीर्ष संगठन शामिल हैं।

मिजोरम

मिजोरम से आये समाचार की बात करें तो आपको बता दें कि असम राइफल्स और मिजोरम पुलिस ने पिछले दो दिनों में संयुक्त अभियान के दौरान पूर्वी मिजोरम के चम्फाई जिले से 13.3 करोड़ रुपये की हेरोइन और मेथामफेटामाइन की गोलियां जब्त की हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बुधवार को जोखावथर के एक निवासी के कब्जे से मुआलकावी में 4.23 करोड़ रुपये मूल्य की कुल 605 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। अधिकारी ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई में बृहस्पतिवार को मिजोरम-म्यांमा सीमा पर जोखावथर में नौ करोड़ रुपये मूल्य की मेथामफेटामाइन की 30,300 गोलियां और 17.49 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद की गई। उन्होंने बताया कि असम के करीमगंज जिले के 40 वर्षीय एक व्यक्ति को मेथामफेटामाइन की गोलियां और बेहिसाब नकदी रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि जब्त किए गए सामान और दोनों आरोपियों को आगे की विधिक कार्रवाई के लिए पुलिस को सौंप दिया गया।

त्रिपुरा

त्रिपुरा से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि त्रिपुरा क्रिकेट संघ (टीसीए) के पूर्व सचिव तापस घोष सहित 10 लोगों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के आरोप में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस प्राथमिकी में टीसीए के पूर्व उपाध्यक्ष तिमिर चंदा और पूर्व कोषाध्यक्ष जयलाल दास का भी नाम है। इंटेलिजेंस के महानिरीक्षक (आईजी) एल डारलॉन्ग ने बताया, ”विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के सबूत पाए जाने के बाद टीसीए के पूर्व सचिव तपन घोष, पूर्व उपाध्यक्ष तिमिर चंदा, पूर्व कोषाध्यक्ष जयलाल दास सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।’’ इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में टीसीए के तीन अभियंताओं और कोलकाता स्थित दो कंपनियों के तीन अधिकारियों तथा टीसीए के एक आजीवन सदस्य के नाम भी है। इस कंपनी को एमबीबी स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने का टेंडर दिया गया था। इंटेलिजेंस विभाग के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कृष्णेंदु चक्रवर्ती ने संपर्क करने पर कहा, ‘‘तीन सदस्यीय एसआईटी द्वारा आरोपों की जांच के बाद अपराध शाखा ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। ऐसा प्रतीत होता है कि वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान एमबीबी स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने में वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं। शुरुआत में वित्तीय अनियमितताएं 10 करोड़ रुपये थीं, लेकिन यह और बढ़ सकती हैं।” अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के बारे में पूछे जाने पर तापस घोष ने गुरुवार को दावा किया कि उन्हें अपराध शाखा द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायत की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ”जब मुझे एफआईआर की कॉपी मिल जाएगी तो मैं अपने ऊपर लगे आरोपों पर बोल पाऊंगा। यह निश्चित है कि हमारे राज्य में क्रिकेट की छवि खराब करने के लिए एक निहित स्वार्थ समूह टीसीए में सक्रिय है। मैं कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ूंगा।”

इसके अलावा, त्रिपुरा सरकार जल्द ही उन परिवारों के लिए पांच लाख रुपये का एक स्वास्थ्य बीमा योजना लाएगी जिन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) में शामिल नहीं किया गया है। एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पूर्वोत्तर राज्य के 9.75 लाख परिवारों में से लगभग 5.49 लाख परिवार पहले ही पीएम-जय में शामिल हैं। पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (सीएम-जय) के तहत 4.15 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा। मंत्री ने कहा, ‘राज्य के मंत्रिमंडल ने सोमवार की बैठक में उन 4.15 लाख परिवारों के लिए सीएम-जय शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जो पीएम-जय में शामिल नहीं हैं।’

नगालैंड

नगालैंड से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफआरएम) को खत्म करने के केंद्र के फैसले पर आदिवासी संगठनों और नागरिक समाज के संगठनों के साथ बैठक करने का फैसला किया है। फेक जिले में शुक्रवार को एक कार्यक्रम से इतर मीडियाकर्मियों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री वाई पैटन ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने आठ फरवरी को यह निर्णय लिया। बैठक की तारीख के बारे में पूछे जाने पर पैटन ने कहा कि यह जल्द आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने हाल में कहा था कि केंद्र के फैसले को लागू करने से पहले नागरिक समाज के संगठनों के साथ परामर्श की आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के कई नगा लोगों की संपत्तियां अंतरराष्ट्रीय सीमा के दूसरी ओर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमा सीमा के 1600 किमी से अधिक हिस्से में बाड़ लगाने का फैसला किया है, जिससे 16 किमी तक मुक्त आवाजाही व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। पूर्वोत्तर के चार राज्यों अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय और नगालैंड की सीमा म्यांमा से लगी है। नगा राजनीतिक मुद्दे पर केंद्र के साथ बातचीत कर रहे एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि इस फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कई अन्य नगा संगठन, आदिवासी संगठन, नगा राजनीतिक समूह और मोन जिले के लोंगवा गांव के प्रमुखों ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है।

इसके अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को कोहिमा में कहा कि भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाली भूमिकाएं निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक मानसिकता में बदलाव के कारण ही महिलाएं घर बैठे भी कुछ नया सीखने का प्रयास कर रही हैं। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘महिलाएं अब समाज में बदलाव ला रही हैं और यह बदलाव सिर्फ बेहतरी के लिए नहीं बल्कि समाज के हर तबके, फिर चाहे वह उद्यमिता हो, स्टार्ट-अप हो, खुद का व्यवसाय हो, सेवा हो, कंपनियों के सीईओ का पद हो या फिर गृहिणी -सभी में महिलाएं परिवर्तन की भूमिका निभा रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से महिला सशक्तिकरण की बात की तो आसपास की चीजें बदलने लगीं और हमने देखा कि पिछले नौ वर्षों में चीजें सकारात्मक रूप से बदली हैं।’ महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती दर के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि डेटा में वृद्धि के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि अतीत में कुर्सी पर बैठे लोग उनके पास आने वाली महिलाओं की बात नहीं सुना करते थे लेकिन अब वे प्रत्येक प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं और इस तरह महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘कार्यस्थल या फिर किसी भी स्थान पर उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद महिलाएं सामने नहीं आ रही थीं।’ उन्होंने कहा कि अब अधिक महिलाएं सामने आ रही हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बात कर रही हैं और इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में लिया जाना चाहिए। महिलाओं को सामने आकर अपनी समस्याओं के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार जब वे बोलना शुरू करेंगी तो शीर्ष पर बैठे लोग उन समस्याओं पर काम करना शुरू कर देंगे।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को 28 नये दमकल वाहनों को हरी झंडी दिखाई। इन दमकल वाहनों को पूरे राज्य में 24 दमकल केंद्रों पर तैनात किया जाएगा। खांडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा, ‘‘राज्य भर के विभिन्न दमकल केंद्रों को आवंटित किए जा रहे 28 दमकल वाहनों को हरी झंडी दिखाई। अरुणाचल प्रदेश में अग्नि सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में आज महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।’’ उन्होंने बताया कि दमकल वाहनों की क्षमता क्रमश: 1800, 3500 और 6000 लीटर है और इन्हें विविध भौगोलिक क्षेत्रों में परिचालन करने के लिए तैयार किया गया है। राज्य के गृह मंत्री बमांग फेलिक्स ने संवाददाताओं से कहा कि दमकल वाहनों को सेवा में शामिल करने से अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं को मजबूती मिलेगी। उन्होंने लोगों से आग लगने की घटनाओं के दौरान दमकल कर्मियों से सहयोग करने की अपील की। अरुणाचल प्रदेश में 2023 में आग लगने की 251 घटनाएं दर्ज की गई। अरुणाचल प्रदेश की अग्निशमन सेवा में 28 दमकल वाहनों को शामिल करने के साथ कुल ऐसे वाहनों की संख्या 79 हो गई है।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भारत और म्यांमा के बीच मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को रद्द करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र ने देश की आंतरिक सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने का फैसला किया है। शाह ने कहा, चूंकि विदेश मंत्रालय फिलहाल इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एफएमआर को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है। एफएमआर भारत-म्यांमा सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देता है। भारत और म्यांमा के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा है जो मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से गुजरती है जहां पर एफएमआर व्यवस्था लागू है। इस नियम को 2018 में भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ के तहत लागू किया गया था। खांडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी को हमारी सीमाओं की सुरक्षा के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए आभार। भारत और म्यांमा के बीच मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को रद्द करने का निर्णय हमारी आंतरिक सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।’’ मुख्यमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय केंद्र द्वारा भारत-म्यांमा की 1,643 किलोमीटर सीमा की बाड़बंदी की हालिया घोषणा पर आधारित है। खुली सीमा की वजह से म्यांमा में रहने वाले और पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादियों के लिए आसानी होती थी जो राज्य के तीन पूर्वी जिलों तिरप, चांगलांग और लॉन्गडिंग में असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देते थे।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चाउना मीन ने बृहस्पतिवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का अंतरिम बजट पेश किया। मीन के पास वित्त तथा योजना एवं निवेश विभाग का कार्यभार भी है। बजट एक अप्रैल से 31 जुलाई तक के लिए पेश किया गया। सदन ने बिना कोई चर्चा के ध्वनिमत से लेखानुदान पारित कर दिया। लोकसभा चुनाव और राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। मीन ने शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अंतरिम बजट पेश किया। संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत बजट स्वीकृत होने तक सीमित अवधि के लिए आवश्यक सरकारी व्यय को पूरा करने के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया जाता है।

इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों, विधायकों और अधिकारियों के साथ रामलला के दर्शन करने के लिये मंगलवार को अयोध्या पहुंचे। खांडू और उनके मंत्रियों का अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया। यह अरुणाचल प्रदेश का पहला राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल है, जिसने प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत श्री रामलला का दर्शन-पूजन किया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रीराम जन्मभूमि पर मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्यगण पहुंचे। संकटमोचन हनुमान के दिन मंगलवार को श्रीरामलला के दर्शन कर पूरा मंत्रिमंडल भावविभोर हो गया। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के साथ राम मंदिर में दर्शन करने मंगलवार को अयोध्या पहुंचे। सबसे पहले महर्षि वाल्मिकी हवाई अड्डे पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उत्तर प्रदेश की अतिथि देवो भव की परंपरा देख सभी आगंतुक भावविभोर हो गए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अरुणाचल प्रदेश के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों समेत 70 लोग अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिये आये हैं। खांडू ने कहा, ‘‘हम राम मंदिर में दर्शन करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। मैं यहां दो साल पहले भी आ चुका हूं। उस वक्त यहां मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा था। यह गर्व की बात है कि तमाम बाधाओं को पार करते हुए 500 से अधिक वर्षों के बाद यहां मंदिर का निर्माण हो गया है। नया मंदिर बनकर तैयार है और यह देश के लिए अच्छा संकेत है। राम राज्य आ गया है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अरुणाचल प्रदेश की सरकार अयोध्या में अपना कोई भवन बनवायेगी, खांडू ने कहा, ”मैंने योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) को इस बारे में पत्र लिखा है और हम भी यहां अपना भवन बनायेंगे। इस बारे में विस्तार से पूछे जाने पर खांडू ने कहा कि अभी चीजें तय नहीं हुई हैं। इससे पहले उप्र सरकार के कृषि व अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू व उनके कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों को माला पहनाया, अंगवस्त्र भेंट किया और माथे पर तिलक लगाकर स्वागत किया। सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने उनके स्वागत में लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अरुणाचल प्रदेश से आए अतिथियों की सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे। दर्शन के उपरांत प्रतिनिधिमंडल अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना भी हो गया।

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