POCSO एक्ट का हो रहा दुरुपयोग, बदलाव के लिए करेंगे सरकार को मजबूर, बृजभूषण सिंह ने दिया बयान

पॉक्सो कानून के तहत एक मामले का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है और वह संतों के नेतृत्व में इस कानून को बदलने के लिए सरकार को मजबूर करेंगे।

पॉक्सो कानून के तहत एक मामले का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है और वह संतों के नेतृत्व में इस कानून को बदलने के लिए सरकार को मजबूर करेंगे। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह, जिन्हें POCSO अधिनियम के तहत बुक किया गया है। उन्होंने ने आरोप लगाया है कि कानून का “बड़े पैमाने पर दुरुपयोग” किया जा रहा है और कहा कि “हम सरकार को इसे बदलने के लिए मजबूर करेंगे”।

 

 POCSO का हो रहा दुरुपयोग

सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवानों की अपील पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सिंह पर एक मामला पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। उन्होंने 5 जून को अयोध्या में संतों की रैली की तैयारी के संबंध में उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक बैठक में गुरुवार को यह टिप्पणी की। कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह पर एक नाबालिग समेत महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।

 

 

बृजभूषण शरण सिंह का दावा सरकार से  POCSO में बदलाव की मांग करेंगे

गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह ने आगामी पांच जून को अयोध्या में संतों की रैली का आह्वान किया है जिसमें उन्होंने 11 लाख संतों के पहुंचने का दावा किया है। इसी रैली की तैयारी को लेकर आज सिंह ने एक सभा को संबोधित किया। सभा में भाजपा सांसद ने पॉक्सो कानून और उसके प्रावधानों का विरोध करते हुए दावा किया कि इसका बड़े पैमाने पर दुरूपयोग हो रहा है। उनका कहना था कि इस कानून का बच्चों, बुजुर्गों एवं संतों के खिलाफ दुरूपयोग हो रहा है तथा अधिकारी तक इसके दुरुपयोग से अछूते नहीं हैं। उन्होंने कहा,‘‘ संतों की अगुवाई में हम सरकार को कानून (पॉक्सो) बदलने के लिए मजबूर कर देंगे।मेरे खिलाफ सभी आरोप बेबुनियाद हैं। इनके पास मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है।

 

बच्चों, बुजुर्गों और संतों के खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग किया गया?

विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। कैसरगंज के सांसद ने दावा किया, “बच्चों, बुजुर्गों और संतों के खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। यहां तक कि अधिकारी भी इसके दुरुपयोग से अछूते नहीं हैं।” समाचार एजेंसी के हवाले से उन्होंने कहा, “महात्माओं के नेतृत्व में, हम सरकार को (POCSO) कानून बदलने के लिए मजबूर करेंगे।” डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान द्वारा बृज भूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है, जिसके लिए उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। दूसरी प्राथमिकी शील भंग करने से संबंधित है।

 

 

बृजभूषण सिंह ने कहा मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे

बृजभूषण सिंह ने दोहराया कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि पॉक्सो कानून को कांग्रेस सरकार ने इसके विभिन्न पहलुओं की जांच किए बिना लाया था। डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच पूरी होने तक खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ की सभी गतिविधियों को रद्द कर दिया है।

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