PM Modi ने पुराने संसद भवन में दिया ऐतिहासिक भाषण, गणेश चतुर्थी पर नये भवन में शिफ्ट होगी संसद

सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज से आरंभ हो रहा संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ‘बहुत बड़ा’, ‘मूल्यवान’ और ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ का है।

संसद के पांच दिवसीय सत्र की आज से शुरुआत हो गयी। इसी के साथ ही इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी। हम आपको बता दें कि सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी और संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। सरकार ने बताया है कि सेंट्रल हॉल में एक समारोह के बाद मौजूदा संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। नए संसद भवन में सरकार के विधायी कामकाज 20 सितंबर से शुरू होंगे। देखा जाये तो इस तरह से यह सत्र भारत के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को मंगलवार सुबह सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है। सामूहिक तस्वीर के लिए पुरानी इमारत के भीतरी प्रांगण में व्यवस्था की गयी है। सांसदों को नए संसद भवन में प्रवेश के लिए नए पहचान पत्र भी जारी किए गए हैं। हम आपको याद दिला दें कि नये संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। बताया जा रहा है कि संसद के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी नयी वर्दी में दिखाई पड़ सकते हैं।

इस बीच, सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज से आरंभ हो रहा संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ‘बहुत बड़ा’, ‘मूल्यवान’ और ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ का है। उन्होंने कहा कि इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नये मुकाम से शुरू हो रही है। वहीं बाद में लोकसभा में दिये अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में सम्पन्न जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का श्रेय देश की समस्त जनता को देते हुए कहा है कि यह किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी की सफलता नहीं है। मोदी ने लोकसभा में ‘संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि यह हर किसी के लिए जश्न की बात है। उन्होंने कहा कि जी20 की सफलता 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है, किसी एक व्यक्ति या एक पार्टी की नहीं।

प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन का जिक्र करते हुए कहा कि इस परिसर के निर्माण का फैसला भले ही विदेशी शासकों ने किया था, लेकिन इसका निर्माण भारत के लोगों की कड़ी मेहनत, पसीने और धन से किया गया था। उन्होंने कहा कि इन 75 वर्षों में अनेक लोकतांत्रिक परंपराएं बनीं और इसमें सभी ने योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम नई इमारत में जा सकते हैं, लेकिन पुरानी इमारत भी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुराने संसद भवन को अलविदा कहना एक भावनात्मक क्षण है; इसके साथ कई खट्टी-मीठी यादें जुड़ी हुई हैं। यह भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। नये परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेहरू से लेकर शास्त्री और वाजपेयी तक, इस संसद ने कई नेताओं को भारत के बारे में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करते देखा है। मोदी ने कहा कि इस संसद भवन में अनेक अवसर ऐसे आये जब सदस्यों के आंसू भी बहे। उन्होंने तीन-तीन प्रधानमंत्रियों- पंडित जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के निधन पर सदस्यों की विह्वलता का भी उल्लेख किया।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आज से आरंभ हो रहा संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ‘बहुत बड़ा’, ‘मूल्यवान’ और ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ का है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता और जी 20 के सफल आयोजन के बायद यह सत्र आरंभ हो रहा है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘जी20 में भारत हमेशा इस बात के लिए गर्व करेगा कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज बनें। अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्यता और सर्वसम्मति से जी20 का घोषणापत्र, ये सारी बातें भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही हैं।’’ गणेश चतुर्थी के दिन मंगलवार को नए संसद में कामकाज होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए स्थान पर यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है। उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक देश को विकसित बनाना है। इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो सभी इस नए संसद भवन में होंगे।’’ उन्होंने कहा कि उमंग और विश्वास के साथ ‘हम नये सदन में प्रवेश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि यह सत्र बहुत मूल्यवान है।

संसद में विभिन्न दलों की ओर से हंगामा किए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘रोने धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए लेकिन जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जो उमंग से भर देते हैं… विश्वास से भर देते हैं। मैं छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा करता हूं पुरानी बुराइयों को छोड़कर उत्तम से उत्तम अच्छाइयों को साथ लेकर हम नए सदन में प्रवेश करेंगे और नए सदन में अच्छाइयों की मूल्य वृद्धि करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। यह प्रण हम सभी सांसद लेकर चले।’’ भगवान गणेश के ‘विघ्नहर्ता देवता’ होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत की विकास यात्रा में कोई विघ्न नहीं रहेगा और निर्विघ्न रूप से सारे सपने व सारे संकल्प भारत परिपूर्ण करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन यह नव प्रस्थान नए भारत के सारे सपनों को चरितार्थ करने वाला बनेगा। इसलिए भी यह सत्र छोटा है लेकिन बहुत मूल्यवान है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय सारे देश में उमंग का माहौल और एक नया आत्मविश्वास सभी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उसी समय संसद का ये सत्र हो रहा है। ये सत्र छोटा है, लेकिन समय के हिसाब ये बहुत बड़ा है। ऐतिहासिक निर्णयों के ये सत्र है। इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है।’’ संसद का सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा।

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