कुंदन कुमार/गया: गया में पितृपक्ष महासंगम जारी है और देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच अपने पूर्वजों का पिंडदान कर रहे हैं. गया जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया करा रही है. इसी बीच गया नगर निगम के ओर से एक बेहतरीन पहल की गई है. वेस्ट टू वेल्थ के तर्ज पर इस बार पूजन सामग्री जिसमें पिंड, फूल आदि होते हैं, इसका इस्तेमाल जैविक खाद बनाने के लिए किया जाएगा. इससे पहले श्रद्धालु पिंड या पूजन सामग्री को फल्गु नदी में प्रवाहित कर देते थे, जिस कारण नदी में गंदगी फैलती थी.
खाद बनाने की मशीन लगाई गई….
गया जिला प्रशासन ने इस बार पिंड को नदी में न प्रवाहित करने के लिए श्रद्धालुओं से अपील की थी. जगह-जगह विभिन्न घाट, पिंड वेदी, तालाब किनारे डस्टबिन लगाए गए हैं, ताकि पिंडदानी इसी डस्टबिन में पूजन सामग्री को डाल सके. डस्टबिन में इकट्ठा किए गए पूजन सामग्री को नगर निगम के डंपिंग यार्ड नैली में डंप किया जा रहा है. वहां पर खाद बनाने की मशीन लगाई गई है. जिससे जैविक खाद तैयार किया जा रहा है. बता दें कि गया नगर निगम से निकलने वाले कचरा से भी जैविक खाद तैयार हो रहा है. रोजाना 400 टन कचरा शहर से निकाला जाता हैं. लेकिन पितृपक्ष के दौरान इसमें वृद्धि हो गई है और अभी रोजाना 500-600 टन कचरा निकल रहा है. जिसमें पूजन सामग्री भी शामिल है.
नदी को गंदा होने से बचाने की पहल
इस संबंध में जानकारी देते हुए नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा बताती है कि श्रद्धालु इधर-उधर रोड पर नदी में, कचरा या पूजन सामग्री को डंप न करें, इसके लिए कई जगहों पर छोटे-बड़े डस्टबिन लगाए गए हैं. पूजन सामग्री को इकट्ठा करने के बाद ट्रैक्टर के माध्यम से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के पास ले जाएंगे और वहां पर जैविक खाद तैयार किया जाएगा. इस बार हम लोगों की सोच थी कि नदी को गंदा होने से बचाया जाए और कैसे वेस्ट टू वेल्थ किया जाए. इसी सोच के साथ गया जिला प्रशासन और नगर निगम पूजन सामग्री से खाद बनाने की सोच को अपनाया गया.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 13:47 IST