PIL योजना के तहत Foxconn, एचपी समेत 32 कंपनियों ने किए आवेदनः Ashwini Vaishnav

इस साल यह 105 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। इस दौरान भारत मोबाइल फोन का दूसरा बड़ा उत्पादक देश बन चुका है। आईटी हार्डवेयर क्षेत्र की पीएलआई योजना के तहत सरकार छह वर्षों के भीतर 17,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित करेगी।

नयी दिल्ली। फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो जैसी वैश्विक दिग्गजों समेत कुल 32 कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के हार्डवेयर क्षेत्र के लिए संचालित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए संचालित 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को कंपनियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

उन्होंने कहा कि उम्मीद से कहीं अधिक संख्या में कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया है।
वैष्णव ने कहा कि आईटी हार्डवेयर योजना के लिए पीएलआई के तहत अब तक कुल 32 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन करने वाली कंपनियों में फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो जैसी वैश्विक कंपनियों के अलावा फ्लेक्सट्रॉनिक्स, डिक्सन, एसर, थॉम्पसन, वीवीडीएन भी शामिल हैं।
आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के लिए लाई गई पीएलआई योजना के जरिये लैपटॉप, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और टैबलेट जैसे उपकरणों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने की कोशिश है।

इस योजना के तहत चुनी जाने वाली कंपनियों को सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
यह योजना इस लिहाज से भी अहम है कि सरकार ने एक नवंबर से लैपटॉप एवं टैबलेट जैसे आईटी उपकरणों के आयात पर कई तरह की पाबंदियां लगाने की घोषणा की है। अब इन उत्पादों का सीधे आयात नहीं किया जा सकेगा और इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी होगा।
वैष्णव ने कहा, भारत आपूर्ति श्रृंखला के एक विश्वसनीय भागीदार और मूल्य-वर्धित साझेदार के रूप में उभर रहा है। कंपनियां विनिर्माण और डिजाइन के लिए भारत आकर खुश हैं।
पिछले आठ साल में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का विनिर्माण 17 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है।

इस साल यह 105 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। इस दौरान भारत मोबाइल फोन का दूसरा बड़ा उत्पादक देश बन चुका है।
आईटी हार्डवेयर क्षेत्र की पीएलआई योजना के तहत सरकार छह वर्षों के भीतर 17,000 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित करेगी। इस योजना से करीब 3.35 लाख करोड़ रुपये का वृद्धिशील उत्पादन होने की उम्मीद है। इससे 75,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।
वैष्णव ने कहा कि डिक्सन ने नोएडा में अपना संयंत्र स्थापित भी कर लिया है जहां पर जल्द ही उत्पादन शुरू हो जाएगा। हालांकि अधिकांश कंपनियां अप्रैल, 2024 से उत्पादन शुरू करेंगी।

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