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मान्यता है प्राचीन समय में यहां पर हनुमान जी की मूर्ति हुआ करती थी. आसपास कुछ भी नहीं था. यहां पर एक संत को अचानक पेट में दर्द शुरू हुआ. उन्हें हनुमान जी के चरणों से लाकर भभूति दी गई. इससे उनका थोड़ी ही देर में दर्द हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो गया. उसी दिन से कैसा भी दर्द हो, कैसा भी रोग हो अगर यदि वह महाराज जी के हाथ से दी हुई भभूति खाता है तो उसे हर व्याधि से मुक्ति मिल जाती है.