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आमिर खान ने खुद को मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने पर कहा कि यह मीडिया का दिया नाम है. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने काम में एक-दो साल बाद कमियां दिखनीं शुरू होती हैं. मेरी नजर से लगता है कि मुझे ऐसे करना चाहिए थे. फिर मैं अपनी फिल्में देखना बंद कर देता हूं. मुझे अपनी पुरानी फिल्में देखने से तकलीफ होती है. लोग तारीफ करते हैं, उन्हें अच्छी लगती है, मगर मुझे अच्छी नहीं लगतीं. मैं अपने काम को लेकर क्रिटिकल हूं. मैं मिस्टर परफ्केशनिस्ट नहीं हूं. यह मीडिया का दिया नाम. परफ्केशनिस्ट वो होता है जो बाल की खाल में जाता है, ताकि वो चीज पूरी तरह से वैसी ही हो. मेरी सोच ऐसी नहीं है.