कांग्रेस ने फिनटेक फर्म पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंधों को लेकर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय पर सवाल उठाया। इसके साथ ही मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र का रुख क्या है। पिछले सात वर्षों से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को एक लंबी रस्सी क्यों मिली हुई है? पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संस्थापक हैं पीएम मोदी के भक्त, उनके साथ सेल्फी लेते हैं और पीएम के पक्ष में विज्ञापन प्रकाशित करते हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दो दिन बाद 10 नवंबर 2016 को देश के बड़े अख़बारों में PM मोदी की तस्वीर के साथ PayTm फुल कवर विज्ञापन देता है।
विज्ञापन दिखाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि इस विज्ञापन में नोटबंदी को मज़बूत निर्णय बताते हुए पीएम मोदी की तारीफ की गई थी। यही पेटीएम, पीएम मोदी पर बनी फिल्म की टिकट पर ₹200 तक का कैशबैक दे रहा था, जिसका प्रचार मोदी जी चुनावी रैली में भी कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेने वाले शख्स का नाम विजय शेखर शर्मा है, जो पेटीएम के फाउंडर हैं। जिस नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, उस नोटबंदी को पेटीएम ने हमेशा जश्न की तरह मनाया और अपना IPO भी 8 नवंबर 2021 को ही लॉन्च किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पेटीएम और उसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा पर मनी लाउंड्रिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप खुद RBI ने लगाए गए हैं, जिसके कारण उनके पेटीएम पेमेंट बैंक को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी के बेहद करीबी विजय शेखर शर्मा ने लाइसेंस मिलते ही घपले करने शुरू कर दिए, इस कारण RBI ने इन्हें बार-बार दंडित भी किया। इतना होने के बाद भी मोदी इनका प्रचार-प्रसार करते रहे। उन्होंने कहा कि RBI ने पेमेंट्स बैंक के शेयर होल्डिंग को लेकर भी चिंता जताई थी। जिसमें करीब 49% हिस्सेदारी Paytm कंपनी की है, जिसे लोग (वन97 कम्युनिकेशंस) के तौर पर भी जानते हैं। वहीं 51% हिस्सेदारी विजय शेखर शर्मा के पास थी।
कांग्रेस नेता ने दावा किय कि इससे यह साफ होता है कि एक व्यक्ति जिस तरह का भी निर्णय चाहे, ले सकता था। RBI की कार्यवाही की एक बड़ी वजह चीनी निवेश कंपनी का ज्यादातर निवेश Paytm में होना भी था। पहले अलीबाबा और आज भी Ant ग्रुप के पास करीब 10 % साझेदारी है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या PM मोदी के साथ मधुर संबंधों के चलते उनके चहेते उद्योगपति क़ानून को ताक पर रखने का काम करते हैं? इतने सारे उल्लंघनों के बाद भी Paytm payment bank को इतनी लंबी ढील क्यों दी गई? मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आक्षेप पर ED ने अब तक क्या कदम उठाए? Paytm ने BJP और PM Cares Fund में कितना चंदा दिया? क्या Paytm उस चंदे और PM मोदी से संबंधों के कारण अब तक बचता रहा? पहले अडानी और अब Paytm, जैसे मोदी जी के चहेतों के खिलाफ एजेंसियां शिथिल क्यों पड़ जाती हैं? क्या ED, 95% मामले राजनीतिक लोगों के खिलाफ करके संतुष्ट है? क्या Paytm के उपभोक्ताओं का डेटा गोपनीय है या फिर BJP के साथ शेयर हो रहा है?