Parliament: ओम बिरला ने कहा आजादी के अमृतकाल में जी20 की अध्यक्षता का वैश्विक दायित्व मिलना गर्व का विषय

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता ग्रहण करने एवं 2023 में शिखर सम्मेलन के भारत में प्रस्तावित आयोजन को देश के राजनयिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे देश समृद्ध बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोकतंत्र की शक्ति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर सकेगा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत के जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता ग्रहण करने एवं 2023 में शिखर सम्मेलन के भारत में प्रस्तावित आयोजन को देश के राजनयिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे देश समृद्ध बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोकतंत्र की शक्ति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर सकेगा।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने भारत के जी-20 समूह का अध्यक्ष बनने पर सरकार और देशवासियों को सदन की ओर से बधाई दी।

उन्होंने कहा, ‘‘ आजादी के अमृत महोत्सव काल में यह महत्वपूर्ण वैश्विक दायित्व मिलना गर्व का विषय है।’’
बिरला ने कहा कि 2023 में जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन भारत में होगा, साथ ही जी-20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों (पी20) का भी सम्मेलन होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह सम्मेलन भारत के राजनयिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय होगा।’’
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन का विषय ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य‘‘ हमारी ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ की आस्था के अनुरूप है।
बिरला ने उम्मीद जताते हुए कहा कि जी-20 की अध्यक्षता के तहत एक वर्ष में देश में 200 कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे और इसमें हम अपनी समृद्ध बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत और जीवंत लोकतंत्र की शक्ति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से जी-20 तथा पी-20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित होंगे और भारत संपूर्ण विश्व में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएगा।

गौरतलब है कि भारत ने एक दिसंबर को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर- सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

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