ईशा बिरोरिया/ऋषिकेश: उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश को सभी योग नगरी के नाम से जानते हैं. योग के साथ ही ऋषिकेश आयुर्वेद के लिए भी प्रसिद्ध है. दूरदराज से लोग यहां आयुर्वेदिक उपचार के लिए आते हैं. आयुर्वेद कोई आज की चिकित्सा पद्धति नहीं है, इसका इतिहास हजारों साल पुराना है. जहां एलोपैथी ने इसे पीछे छोड़ दिया है, वहीं वापस से लोग अब आयुर्वेद से जुड़ने लगे हैं.
हम आपको ऐसी ही एक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कई सारी बीमारियों में असरदार साबित होता है. इसका नाम है पंचकर्म. लोकल 18 के साथ हुई बातचीत के दौरान नीरज नेचर केयर की इंचार्ज और आयुर्वेदाचार्य प्रीति चक्रवर्ती बताती हैं कि पंचकर्म पांच प्रक्रियाओं का संयोजन है. वो पांच प्रक्रिया हैं- वमन, विरेचन, नस्य, रक्तमोक्षण और अनुवासनावस्ती.
पंचकर्म के माध्यम से हमारे शरीर से वायरस और संदूषण पदार्थ को बाहर निकलता है, जिससे हमारा शरीर अधिक सक्रिय हो जाता है. हमारे शरीर से वायरस और संदूषण पदार्थों के बाहर निकल जाने के बाद हमारा शरीर अधिक सक्रिय हो जाता है, जिसके बाद हम अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं और मानसिक तनाव से भी राहत पाते हैं.
शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए पंचकर्म
पंचकर्म मानसिक रूप से तो हमें तनाव मुक्त करता ही है, उसके साथ ही यह हमें शारीरिक रूप से भी स्वास्थ बनाता है. पंचकर्म हमारे पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है और हमारे शरीर से वायरस और बाकी जहरीले पदार्थों को बाहर भी निकालता है. इसके साथ ही ये शरीर के बाकी अंग जैसे फेफड़ों, पसीने की ग्रंथि, पेट और आंतों से भी खतरनाक और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है.
मानसिक रोगी कर सकते हैं इस्तेमाल
अगर आप भी शारीरिक या फिर मानसिक रोगों से परेशान हैं तो इस चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह आपको आराम तो पहुंचाएगी ही, इसके साथ ही इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं और समय के साथ ही यह बीमारी को जड़ से खत्म कर देती है. नीरज नेचर केयर एम्स रोड पर स्थित कोयाल घाटी के पास है.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 14:05 IST