Panchayat Season 2 Review: जीतेंद्र कुमार की इस पंचायत में मुस्‍कुराहट, भावनाएं और प्‍यार… सब स्‍वादानुसार

Panchayat Season 2 Review: ओटीटी पर पिछले कुछ सालों में कंटेंट की बाढ़ सी आ गई है और इसमें क्राइम, थ्रिलर, सस्‍पेंस, रोमांट‍िक जैसे जॉनर वाली सीरीज की खूब भरमार है. इस सब के बीच मीठी सी फुहार जैसी सीरीज हैं टीवीएफ की वेब सीरीज ‘पंचायत सीजन 2’ (Panchayat Season 2) . पहले सीजन ने ज‍िस तरह अपने फ्रेश अंदाज से लोगों का द‍िल जीता था तो जाह‍िर है कि दूसरे सीजन के लिए भी फैंस बेसब्री से इस सीरीज के र‍िलीज होने का इंतजार कर रहे थे. इस सीरीज की र‍िलीज डेट अमेजन प्राइम ने 20 मई घोषित की थी, लेकिन फैंस के लिए अचानक चौंकाने वाली खबर तब आई, जब एक नहीं दो द‍िन पहले ही यानी बुधवार रात को ही इस सीरीज को अमेजन प्राइम वीडियो पर र‍िलीज कर द‍िया गया.

इस बार क्‍या है ‘पंचायत 2’ की कहानी
अभ‍िषेक त्र‍िपाठी (जीतेंद्र कुमार) फुलेरा गांव के पंचायत सच‍िव हैं और पहले सीजन में उनकी दोस्‍ती व‍िकास (चंदन रॉय), गांव के प्रधान (रघुबीर यादव) और उप प्रधान प्रहलाद (फैसल मल‍िक) से हो जाती है. पहले सीजन में हमने देखा था कि अभ‍िषेक क‍िसी मल्‍टीनेशनल कंपनी में बड़े पैकेज के साथ प्राइवेट नौकरी करना चाहता है, लेकिन वो इस गांव की नौकरी में खुद को फंसा हुआ पाता है. पहला सीजन जहां खत्‍म होता है, दूसरा सीजन उसके ठीक 2 महीने बाद से शुरू होता है. अब अभ‍िषेक को इस गांव में रहने की आदत सी हो गई है. अब वो इस गांव के परिवेष में थोड़ा ढल गया है, हालांकि कुछ महीनों में अपना एग्‍जाम देकर इस गांव से न‍िकलना, यही अब भी उसका प्‍लान है. पहले सीजन की तरह ही सारे क‍िरदार अब भी वही हैं. हां, इस बार प्रधान जी की बेटी र‍िंकी (सानव‍िका) की शो में नई एंट्री है.

देख‍िए जब ओटीटी का बुखार फैला भी नहीं था, तब टीवीएफ ने वेब सीरीज और ड‍िज‍िटल की दुन‍िया में ऐसा कंटेंट बनाना शुरू कर द‍िया था, ज‍िसमें ‘कंटेंट ही राजा है’ वाली कहावत आगे बढ़ने लगी थी. TVF की यही परिपक्‍वता निर्देशक दीपक कुमार म‍िश्रा की वेब सीरीज में साफ देखी जा सकती है. सीजन 2 बनाने के चक्‍कर में हमने वेब सीरीज को फैलते, भटकते और बर्बाद होते देखा है, लेकिन असल में कहानी को आगे कैसे बढ़ाया जाता है, इसका हुनर इस सीरीज से सीखा जा सकता है. अभ‍िषेक त्र‍िपाठी के क‍िरदार में जीतेंद्र कुमार ने सहूल‍ियत के साथ मैच्‍योर‍िटी द‍िखाई है. अभ‍िषेक अब पहले सीजन की तरह हर बात पर नहीं खींजता, बल्कि उसने यहां मुस्‍कुराना सीख ल‍िया है. लेकिन ऐसा नहीं है कि वो अचानक ‘हृदयपरिवर्तन’ होने के बाद यहां बसने के प्‍लान बना रहा है. अभिषेक, इस सीरीज का हीरो है लेकिन ये हीरो-सुपरहीरो नहीं है, इंसान है.. ज‍िससे आप र‍िलेट कर सकें.

दरअसल टीवीएफ के कंटेंट की सबसे खास बात होती है उसकी स‍िम्‍पल‍िस‍िटी और उसका आम होना, ऐसे इंसानों की कहानी जों हमें आपके-हमारे जैसे लगें. यही पंचायत 2 की कहानी की भी खास‍ियत है. अमेजन प्राइम की इस वेब सीरीज में 8 एपिसोड हैं और हर एपिसोड लगभग 35 से 40 म‍िनट के का है. पहले एपिसोड की कहानी में न‍िर्देशक ने बड़ी चालाकी से उन सारे सवालों के जवाब प्रहलाद और व‍िकास के मुंह से द‍िलवा द‍िए हैं, जो आपके मन में पहले सीजन के आखिर में अभ‍िषेक और र‍िंकी को पानी की टंकी पर देखने के बाद उठे थे. ‘एक लड़का और लड़की दोस्‍त नहीं हो सकते..’ वाले जमाने में सच‍िव और र‍िंकी के बीच की केम‍िस्‍ट्री के चलते आप बार-बार सीरीज देखते हुए ये सोचेंगे कि ‘अब कुछ होगा और तब कुछ होगा’.

इस बार जीतेंद्र को बराबरी की टक्‍कर देते हुए नजर आए हैं, चंदन रॉय यानी ज‍िन्‍होंने फुल स्‍क्रीन टाइम के साथ ही अपने अंदाज में भी काफी बदलाव क‍िया है. पहली सीरीज के अंत में जहां आपको जीतेंद्र की ज‍िंदगी में एक उम्‍मीद और प्‍यार की क‍िरण आखिर में नजर आई थी, वहीं इस बार का आख‍िरी एपिसोड आपको रुला देगा. आखिर में पंचायत ऑफ‍िस में प्रहलाद, प्रधानजी, व‍िकास और सचिव जी के बीच का सीन ह‍िला कर रख देता है.

सानविका इस सीरीज में ‘गांव की गोरी’ नहीं गांव की सांवली लगी हैं और क्‍या लगी हैं. वो स्‍क्रीन पर बेहद खूबसूरत नजर आई हैं. र‍िंकी जब-जब स्‍क्रीन पर नजर आएंगी, उनके चेहरे से नजर हटाना मुश्किल होता है. मेरी यही श‍िकायत है कि इस सीरीज में र‍िंकी के क‍िरदार को थोड़ा और एक्‍प्‍लोर क‍िया जाता तो अच्‍छा रहता. आखिर में अगर पूछा जाए तो ये सीरीज जरूर देखी जानी चाहिए और अगर आपने पहला सीजन देखा है तो फुलेरा गांव की ये दुनिया आपको नए सीजन में जरूर देखनी चाहिए.

Tags: Neena Gupta, Panchayat

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *