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इमरान खान की बहन ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया है। जिन्ना हाउस हमले की सुनवाई के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अलीमा ने कहा कि उनके भाई और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इस बात से नाराज थे।
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस बात से नाखुश हैं कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल नहीं किया कि नेशनल असेंबली के डिसॉल्व होने के 90 दिनों के भीतर आम चुनाव हों। इमरान खान की बहन ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया है। जिन्ना हाउस हमले की सुनवाई के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अलीमा ने कहा कि उनके भाई और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इस बात से नाराज थे कि राष्ट्रपति ने घोषणा करने के बजाय केवल चुनाव के लिए कट-ऑफ तारीख की घोषणा की।
अलीमा ने यह भी कहा कि 70 वर्षीय खान जेल में वजन कम होने के बावजूद जेल में बहुत उत्साहित थे। पिछले महीने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) प्रमुख को लिखे एक पत्र में पीटीआई के संस्थापक सदस्य अल्वी ने सुझाव दिया था कि संविधान के अनुच्छेद 48(5) के अनुसार, राष्ट्रपति के पास चुनाव कराने का अधिकार है। नेशनल असेंबली के विघटन के 90 दिनों के भीतर आयोजित किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति का पत्र जाहिर तौर पर उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया।
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