क्वेटा (पाकिस्तान) : दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में मुख्य उग्रवादी समूह के एक नेता ने बुधवार को कैमरे के सामने आकर कहा कि उन्होंने अपने करीब 70 समर्थकों के साथ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और वह आजादी के लिए अपनी वर्षों की लड़ाई छोड़ रहा है.
विद्रोही समूह के नेता सरफराज बुंगुलजई को पहले उसके उपनाम मुरीद बलूच के नाम से जाना जाता था. उसने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में पत्रकारों से कहा कि उसे और उसकी बलूच नेशनल आर्मी (बीएनए) को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर किए गए घातक हमलों के लिए पश्चाताप महसूस होता है. सरकार ने बीएनए पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस घटनाक्रम को पाकिस्तान सरकार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो देश भर में विभिन्न समूहों के आतंकवादियों और विद्रोहियों से निपटने का प्रयास कर रही है.
भारत पर लगाया आरोप
बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचनामंत्री जान अचईजई के साथ सरफराज बुंगुलजई ने भारत पर प्रांत में हिंसा को वित्त पोषित करने और युवाओं को आंदोलन में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए नापाक उद्देश्यों के लिए महिलाओं का शोषण करने का आरोप लगाया. बुंगुलजई ने कहा, “बलूच लोगों का खून बलूच के हाथों से बहाया जा रहा है. जबरन वसूली का विरोध करने पर निर्दोष लोगों की जान चली गई. परिवार डर में जी रहे हैं और युवा इसकी कीमत चुका रहे हैं.”
बुंगुलजई ने कहा, मैंने जो किया उसका पछतावा
उसने कहा कि पिछले 20 वर्षों के दौरान हजारों बलूच युवाओं की हत्या कर दी गई, केवल 2014 में 155 निर्दोष बलूच लोगों की हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने रंगदारी देने से इनकार कर दिया था. उसने कहा, “मैंने पिछले 15 सालों में क्या किया है… मुझे पछतावे के अलावा कुछ नहीं है.” बुंगुलजई ने जोर देकर कहा कि भारत बलूचिस्तान में आतंकवाद और अशांति को वित्त पोषित करता है, क्योंकि वह अफगानिस्तान में अपने समय के दौरान स्थिति को व्यक्तिगत रूप से देख चुका है. (एक्सप्रेस ट्रिब्यून के इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2023, 09:34 IST