पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएलएन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने कहा है कि अगर 2017 में उनकी सरकार द्वारा निर्धारित गति जारी रहती तो पाकिस्तान जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की राह पर होता।
एक तरफ पूरी दुनिया में जी20 सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए भारत को बधाई मिल रही है तो वहीं पाकिस्तान बस हाथ मल रहा है। जी20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान एकलौता देश रहा जिसका जिक्र ही नहीं हुआ। अब पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की तरफ से इसको लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है। नवाज शरीफ ने कहा है कि अगर देश में उनकी पार्टी की सरकार होती तो यह पाकिस्तान में होता। पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएलएन के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ ने कहा है कि अगर 2017 में उनकी सरकार द्वारा निर्धारित गति जारी रहती तो पाकिस्तान जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की राह पर होता। नवाज शरीफ ने स्टैनहोप हाउस के बाहर संवाददाताओं से यह टिप्पणी तब की जब जियो रिपोर्टर ने उनसे दिल्ली में हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन पर टिप्पणी करने के लिए कहा।
उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक और भूराजनीतिक प्रमुखता के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर 2017 की गति बरकरार रहती, तो पाकिस्तान को जी20 में गिना जाता और शिखर सम्मेलन पाकिस्तान में आयोजित किया जाता। नवाज शरीफ ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद अपने बेटे हसन नवाज शरीफ की दुबई कंपनी के इकामा की घोषणा नहीं करने के लिए सार्वजनिक कार्यालय से अयोग्य ठहराए जाने के बाद पद से अयोग्य ठहराए जाने का जिक्र करते हुए ये टिप्पणी की। नवाज शरीफ ने कहा है कि बेटे से सैलरी न लेने की वजह से उन्हें ऑफिस से निकाल दिया गया।
नवाज ने हाल के महीनों में बार-बार न्यायपालिका के खिलाफ सीधी और परोक्ष आलोचना की है, जिसमें उन्होंने सीजेपी उमर अता बंदियाल पर पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के प्रति पूर्वाग्रह और तरजीही व्यवहार का आरोप लगाया है। सार्वजनिक रूप से नवाज ने पूर्व सीजेपी साकिब निसार और आसिफ सईद खोसा के साथ-साथ पूर्व सीओएएस और आईएसआई प्रमुख जनरल बाजवा और जनरल फैज पर उन्हें सरकार से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि गैंग ऑफ फाइव – साकिब निसार, इमरान खान, जनरल फैज, जनरल बाजवा, आसिफ सईद खोसा – पाकिस्तान को इस स्तर पर लाने के लिए जिम्मेदार हैं।
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