Pakistan के राष्ट्रपति भवन पर सेना का कब्जा, अल्वी को चुनावी तारीखें घोषित करने से रोकने के लिए मिली धमकी

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अल्वी को चुनावी तारीखें घोषित करने से रोकने के लिए धमकी दी गई है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के दफ्तर को ही खाली करा लिया गया है।

पाकिस्तान में सियासी घमासान जारी है। इमरान खान के जेल जाने के बाद भी ये बवाल थमा नहीं है। अब राष्ट्रपति और पाकिस्तानी सेना के बीच ठन गई है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी इमरान खान के समर्थक माने जाते हैं। ऐसे में राष्ट्रपति अल्वी को पाक सेना ने घेर लिया है। यह कदम अल्वी को चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से रोकने के लिए उठाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर सेना ने कब्जा कर लिया है। पाक सेना और शहबाज शरीफ गठबंधन चाहता है कि चुनाव को जितना संभव हो सके टाल दिया जाए। जबकि इमरान खान चाहते थे कि चुनाव समय पर हो। इमरान समर्थक अल्वी ऐसा कुछ न करें, इसीलिए पाक सेना ने उन्हें घेर लिया है।

अल्वी को चुनावी तारीखें घोषित करने से रोकने के लिए धमकी दी गई है। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के दफ्तर को ही खाली करा लिया गया है। दफ्तर में मौजूद स्टॉफ को भी निकाल दिया गया है। पाकिस्तानी आर्मी ने राष्ट्रपति भवन की चौथी मंजिल को अपने कब्जे में ले लिया है। आर्मी चीफ और आईएसआई को ये भनक लगी कि राष्ट्रपति अल्वी चुनाव का ऐलान करने वाले हैं। आर्मी चीफ और आईएसआई ने राष्ट्रपति से मिलकर कोई भी घोषणा करने से रोक दिया है। 

 संविधान के मुताबिक 90 दिनों में चुनाव होने हैं

सूत्रों के मुताबिक, बैठक तीखी रही और राष्ट्रपति के साथ ठीक से व्यवहार नहीं किया गया। एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक मौजूदा हालात को देखते हुए 90 दिनों के अंदर चुनाव कराए जाने चाहिए। यदि राष्ट्रपति अल्वी ने चुनाव की घोषणा की होती, तो पीएम इमरान खान के खिलाफ चल रहा अभियान चल रहा होता। बड़ा झटका लगा होगा। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति द्वारा जल्द ही चुनाव की तारीखों की घोषणा करने की खबर अंदर से लीक की गई है ताकि पाकिस्तानी सेना इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर दबाव बना सके और उसे बातचीत की मेज पर ला सके। तक लाया गया।

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