प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले ही कार्यकाल से वाराणसी का स्वरूप बदलना शुरु हो गया था. जिन लोगों के मन में अब से दो दशक पहले इस शहर की तस्वीर होगी उनके लिए वैसे भी काशी को पहचानना मुश्किल होगा. नरेंद्र मोदी ने सांसद बनने के साथ ही शहर को आधुनिक स्वरूप देना शुरू कर दिया था. शहर की सबसे बड़ी समस्या संकरी सड़के थीं. उन्हें चौड़ा कराया गया. साथ में जिस तरह से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण किया गया उसकी तो कोई मिसाल ही नहीं है. त्रिलोक के स्वामी के दर्शन के लिए जाने वालों को जिन दिक्कतों का सामना करना होता था, उसे वे वर्षों तक याद रखते थे. अब वे इस बात को याद रखते हैं कि उन्हें बहुत ही आसानी से दर्शन हो गए. ये सब पीएम मोदी के संकल्प और दृढ़ इच्छा शक्ति से ही हो सका.
इन सबके बाद भी शहर में आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों से आते-जाते रहते हैं. इससे सड़क मार्ग से आने-जाने में सैलानियों को दिक्कत होती है. इस दिक्कत को एक सुखद अनुभव में बदलने के लिए काशी में कैंट स्टेशन से रोपवे बनाने का फैसला लिया गया. वैसे तो लोगों ने दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रोपवे की ट्राली देखी होगी और उसकी सवारी भी की होगी. लेकिन ये पहली बार है कि देश अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे की शुरुआत की जाएगी. इस पर काम चल रहा है. इससे न सिर्फ लोगों के समय की बचत होगी बल्कि शहर के उपर से बनारस को देख पाने का अद्भुत अनुभव भी सैलानियों को मिल सकेगा.
इस तरह से जल्द ही काशी में रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर और इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के बाद अब एक और भवन काशी के धार्मिक महत्व को दर्शाता हुआ दिखाई देगा. बनारस में बन रहे देश के इस पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के स्टेशन की डिजाइन शिव और काशी के थीम पर आधारित होगी. वाराणसी कैंट स्टेशन पर बनने वाले रोप-वे स्टेशन की पहली तस्वीर का प्रस्तावित मॉडल सामने आया है. इसमे डमरू, त्रिशूल, शंख, नन्दी , चंद्रमा और घाट की कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है. रोप-वे (केबल कार) वाराणसी में इस साल में पर्यटकों के लिए तैयार हो जाएगा.
देश की धार्मिक राजधानी काशी में डबल इंजन की सरकार नए भवनों को धार्मिक स्वरूप में बना रही है. दुनिया का तीसरा और देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे वाराणसी में निर्माणाधीन है. ये रोप-वे पर्यटकों को वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से बाबा के दरबार के पास गदौलिया तक की यात्रा कम समय में कराएगा. नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) से मिली जानकारी के मुताबिक रोप-वे स्टेशन का निर्माण काशी की ख़्याति के अनरूप किया जा रहा है. सभी रोप-वे स्टेशन पर वाराणसी की प्रमुख चीजों को दिखाने प्रयास होगा.
वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे. जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा. रोप-वे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर होगी जो करीब 16 मिनट में तय होगी. लगभग 35 से 45 मीटर की ऊंचाई से करीब 150 ट्रॉली कार चलेंगी. इस योजना की लागत 807 करोड़ रुपये है. ये रोप-वे बाबा विश्वनाथ की काशी की भव्यता में एक और चमकता सितारा बनेगा.
.
Tags: PM Modi, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 11:09 IST