‘OMG 2’ Film Review: मजबूत स्क्रिप्ट, दमदार कहानी… ऐसी और फिल्में बननी चाहिए

नई दिल्ली. बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और दिग्गज अभिनेता पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘ओएमजी 2 (OMG 2 Film Review)’ आखिरकार आज (11 अगस्त) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. पिछले कई महीनों से लोगों के बीच इस फिल्म को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थीं. इस फिल्म का पहला पार्ट साल 2012 में आया था, जिसे काफी पसंद भी किया गया था, और 11 साल बाद आया इसका दूसरा पार्ट भी लोगों के दिलों में उतरने वाला है.

फिल्म ‘ओएमजी 2’ का प्लॉट भी पहले पार्ट की तरह ही है, लेकिन इसका स्क्रिप्ट बहुत मजबूत है और सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की गई इसकी कहानी भी काफी दमदार है. कहने का मतलब ये है, कि इस फिल्म का दूसरा पार्ट पहले पार्ट से एक लेवल ऊपर की ओर जाता दिखता है. फिल्म में अक्षय कुमार इस बार भागवान शिव के एक दूत के अवतार में नजर आ रहे हैं, और इस बार उनका अवतार आपकी रोंगटे खड़े कर देगा. वहीं, फिल्म के हीरो सही मायने में पंकज त्रिपाठी ही हैं, जो कांति शरण मुद्गल नामक एक अच्छे और भले इंसान के किरदार में हैं, जो भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त है. फिल्म में अभिनेत्री यामी गौतम ‘कामिनी महेश्वरी’ नाम की एक मशहूर वकील की भूमिका में हैं. इस फिल्म की पूरी कहानी इन्हीं तीनों पात्रों के आसपास घूमती रहती है.

कहानी: फिल्म की कहानी एक साधारण परिवार से शुरू होती है. कांति शरण मुद्गल जो अपनी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी के साथ हंसी खुशी अपना जीवन बिता रहा होता है. उसकी जिंदगी में तब भूचाल आ जाता है, जब उसके बेटे विवेक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है, जिसमें वह अपने स्कूल के वाशरूम में मास्टर्बेटिंग (Masturbating) करता हुआ नजर आता है, जिसके बाद उसे स्कूल से निकाल दिया जाता है. वह डिप्रेशन में चला जाता है और खुद की जान लेने का भी प्रयास करता है, जिससे कांति काफी निराश रहने लगता है. ऐसे में भगवान शिव के दूत बने अक्षय कुमार महाकाल भक्त कांति की मदद करने उनके पास आते हैं. वह कांति को उनके बेटे का सम्मान वापस दिलाने के लिए उन्हें सही राह दिखाते हैं और फिर कांति कानूनी लड़ाई लड़ता है अपने बेटे के लिए. इस बार फिल्म की कहानी सेक्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई है, जो लोगों के बीच एक बड़ा संदेश देने में भी सफल साबित हुई है. फिल्म में कोर्ट रूम के दृश्य को भी दर्शाया गया है, जहां कांति के साथ इस केस में कोई भी वकील साथ नहीं देता और वह खुद अपने बेटे के लिए मशहूर वकील कामिनी महेश्वरी से लड़ता है. इस कानूनी लड़ाई में कांति को हमेशा भगवान शिव के दूत का साथ मिलता रहता है, लेकिन कैसे? क्या कोर्ट में वकील कामिनी को हराने में कांति सफलता हासिल करेगा? क्या कांति अपने बेटे का खोया हुआ सम्मान उसे वापस दिला पाएगा?… इन सारे सवालों के उत्तर जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.

फर्स्ट हाफ: फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी रोचक है और मनोरंजन से भरपूर है. इस दौरान फिल्म की कहानी को ऐसा बुना गया है कि आप सेकेंड हाफ के लिए और ज्यादा एक्साइटेड रहते हैं. फिल्म कोर्ट रूम के भी सीन देखने को मिलेंगे, जहां आप बीच-बीच में हंसने पर मजबूर हो जाते हैं और कुछ सीन तो ऐसे हैं कि सोचने पर भी मजबूर हो जाते हैं. फिल्म का फर्स्ट हाफ आपको पूरी तरह से बांधकर रखता है. इस दौरान जब-जब अक्षय शिव के दूत के रूप में प्रकट हुए हैं, तब-तब उनकी बातों से आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

सेकेंड हाफ: शुरुआती सेकंड हाफ थोड़ा कमजोर लगता है… क्योंकि यहां फिल्म की रफ्तार थोड़ी धीमी हो जाती है, लेकिन क्लाइमैक्स तक आते-आते फिल्म की आखिरी 40-45 मिनट वापस से पटरी पर लौट आती है. फिल्म का क्लाइमैक्स शानदार है, यानी जब आप सीट छोड़ेंगे तो एक बार जरूर सोचेंगे कि काश फिल्म थोड़ी और लंबी होती. इसमें कोई शक नहीं कि इस फिल्म को देखने के बाद आप निराश नहीं होंगे.

डायरेक्शन: इस बार फिल्म के निर्देशन की कमान अमित राय ने संभाली है और वह इसमें सफल रहे हैं. फिल्म देखने के बाद ऐसा लगता है कि निर्देशक ने हर चीज पर बहुत सावधानी से काम किया है. फिल्म में जो भी सीन दिखाए गए हैं उसे बेहद खूबसूरती से पेश किया गया है. खासकर जिस तरह से फिल्म में भगवान शिव के दूत को दिखाया गया है, आपको कभी लगेगा ही नहीं कि आप अक्षय कुमार को देख रहे हैं… जब भी आप स्क्रीन पर अक्षय को देखते हैं, तो आपको वही दूत दिखाई देता है, जिसे भगवान शिव ने भेजा है. निर्देशन इतना अद्भुत है कि कई जगहों पर आप अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाएंगे. साथ ही जिस तरह से सेक्स एजुकेशन की बात की गई है वो तरीका दर्शकों को खूब पसंद आएगा. अमित राय ने जिस तरह से एक बड़े मुद्दे को पेश किया है और जिस तरह से इस मुद्दे पर बात की है.. वो वाकई काबिले तारीफ है.

एक्टिंग: अक्षय कुमार से लेकर पंकज त्रिपाठी, यामी गौतम और जज पुरूषोत्तम नागर के रूप में पवन मल्होत्रा तक सभी दिग्गज अभिनेताओं ने अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है. अक्षय ने खुद को भगवान शिव के दूत के रूप में इस तरह ढाला है कि आपको यकीन करना मुश्किल हो जाएगा. वहीं, पंकज त्रिपाठी एक ऐसे कलाकार हैं जो हर किरदार में जान फूंक देते हैं और वह बखूबी जानते हैं कि किसी भी तरह के किरदार में खुद को कैसे ढालना है. इमोशनल सीन्स में वह आपको रुलाते हैं और कॉमेडी सीन्स में वह आपको हंसाते भी हैं। यामी गौतम ने भी जिस तरह से वकील का किरदार निभाया है वह काबिले तारीफ है। इस बार पवन मल्होत्रा जज की भूमिका में जरूर हैं, लेकिन उनका किरदार एक बड़े कॉमेडियन का है, जो कोर्ट रूम सीन में भी आपको हंसाता है.

संगीत: फिल्म का संगीत विक्रम मॉन्ट्रोज, हंसराज रघुवंशी, डीजेस्ट्रिंग्स, प्रणय और संदेश शांडिल्य ने तैयार किया है, जबकि गीत कबीर शुक्ला, हंसराज रघुवंशी, डीजेस्ट्रिंग्स, शेखर अस्तित्व, गिन्नी दीवान और संदेश शांडिल्य ने लिखे हैं. फिल्म के दो गाने ‘ऊंची ऊंची वादी’ और ‘हर हर महादेव’ सिनेमाघरों में आपको झूमने पर मजबूर कर देगा. फिल्म का संगीत इतना मधुर है कि यह सीधे आपके दिल में उतर जाता है.

वीक प्वाइंट: अगर आप अक्षय कुमार के फैन हैं, तो थोड़ी निराशा आपको जरूर होगी, क्योंकि इस बार अक्षय स्क्रीन पर बहुत ही कम नजर आए हैं, जिस तरह से वह इस फिल्म के पार्ट वन में दिखे थे, उसके मुकाबले फिल्म के दूसरे पार्ट में उनका प्रजेंस थोड़ा कम नजर आता है. फिल्म ये एक चीज आपको जरूर खलेगी. डायरेक्टर को अक्षय के कुछ और सीन फिल्म में बढ़ाने चाहिए थे. वहीं, फिल्म में लोकेशन सीमित हैं, अगर दो-चार और अलग-अलग लोकेशन पर भी फिल्म को शूट किया जाता तो थोड़ी वैराइटी भी देखने को मिलती.

निष्कर्ष: आज की पीढ़ी के बच्चों में सेक्स एजुकेशन को लेकर स्कूलों को कैसे काम करना चाहिए… ये बात आपको जरूर पसंद आएगी. एक बड़े मुद्दे को बहुत ही सरल और आसान तरीके से दिखाया गया है. इस फिल्म में इमोशन और कॉमेडी को इस तरह दिखाया गया है कि यह मनोरंजक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी है. मेरा मानना है कि इस तरह की और भी फिल्में बननी चाहिए. इसमें कोई शक नहीं कि इस फिल्म को लेकर पब्लिक का रिएक्शन भी अच्छा रहेगा. मेरे ख्याल से आपको ये फिल्म एक बार जरूर देखनी चाहिए. मैं फिल्म ‘ओएमजी 2’ को 5 में से 4 रेटिंग देता हूं.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Akshay kumar, Pankaj Tripathi, Yami gautam

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