भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार किया, जिन्होंने आज आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में पैदा नहीं हुए थे और कहा था कि पीएम का जन्म गुजरात में तेली जाति में हुआ था, जो उस समय एक सामान्य जाति थी। राहुल ने कहा कि वह अपने पूरे जीवन में जातीय जनगणना नहीं होने देंगे क्योंकि उनका जन्म ओबीसी में नहीं, सामान्य जाति में हुआ है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ‘सामान्य वर्ग’ में पैदा हुए और CM बनने के बाद उन्होंने अपनी जाति OBC में बदल दी।
हालांकि, बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सभी दावों का खंडन किया और पलटवार करते हुए कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पूरा नेहरू-गांधी परिवार ओबीसी के खिलाफ रहा है।’ अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी का बयान सरासर झूठ है। पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था। राहुल गांधी का यह हमला कांग्रेस की जातीय जनगणना की मांग को लेकर आया है जबकि पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने बयान में कहा कि कांग्रेस हमेशा से दलित विरोधी रही है।
मोदी ने किया था वार
मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने ओबीसी के साथ अन्याय किया है, उसने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के नेताओं का अपमान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा की जिन्हें 1987 में नेता प्रतिपक्ष के रूप में स्वीकार करने से कांग्रेस ने मना कर दिया और कारण बताया कि वह संविधान का सम्मान नहीं करते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग चिंता जताते हैं कि मोदी सरकार में कितने पदों पर ओबीसी के लोग बैठे हैं। मोदी ने अपनी ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उन्हें सबसे बड़ा ओबीसी नजर नहीं आता। कहां आंखें बंद करके बैठ जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय राष्ट्रीय सलाहकार परिषद नाम से एक निकाय बनाया गया था, कांग्रेस देखकर बताए कि क्या उसमें एक भी पदाधिकारी ओबीसी से था।
जानें हकीकत
यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया है। 2014 में उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने से पहले भी यही जाति का मुद्दा सामने आया था। narendramodi.in में 2014 में यह कहा गया था कि ‘मोध घांची’ जाति और यह विशेष उपजाति गुजरात सरकार की सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 146 जातियों की सूची (25-बी) में शामिल है।
इसमें कहा गया कि ‘इससे पहले गुजरात में एक सर्वेक्षण के बाद, मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की थी, जिसमें मोध-घांची जाति को शामिल किया गया था। भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में ‘मोध-घांची’ जाति को भी शामिल किया गया है। इस उपजाति को ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई 1994 को गुजरात सरकार द्वारा जारी की गई थी। यह याद रखना चाहिए कि उस समय श्री छबीलदास मेहता के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। 4 अप्रैल 2000 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार उसी उपजाति को ओबीसी के रूप में शामिल किया गया था। जब ये दोनों अधिसूचनाएं जारी की गईं तो श्री नरेंद्र मोदी कहीं भी सत्ता में नहीं थे और न ही उस समय उनके पास कोई कार्यकारी पद था।’
Prime Minister Narendra Modi got his caste notified as an OBC after he became the Chief Minister of Gujarat: Rahul Gandhi.
This is a blatant lie. PM Narendra Modi’s caste was notified as an OBC on Oct 27, 1999, a full 2 years BEFORE he became the Chief Minister of Gujarat.… pic.twitter.com/lDU3uJrHwJ
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 8, 2024