हरियाणा पुलिस ने छह महीने पहले दो होम गार्ड और बजरंग दल के एक सदस्य की हत्या और एक साइबर पुलिस थाने पर हमले से जुड़े तीन मामलों में आरोपियों के खिलाफ कड़े गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत आरोप दर्ज किए हैं।
यूएपीए के प्रावधानों को मामलों से जुड़ी प्रारंभिक प्राथमिकियों में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अदालती दस्तावेजों से पता चला कि आरोपियों द्वारा दायर जमानत याचिका का विरोध करने के लिए अदालत में पेश किए गए चालान में उन्हें जोड़ा गया।
पिछले साल 31 जुलाई को नूंह में विहिप के एक जुलूस पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद भड़की हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा गुरुग्राम सहित आसपास के इलाकों में फैल गई थी।
तीन प्राथमिकियों में यूएपीए के प्रावधान शामिल करने का मामला तीन दिन पहले सामने आया जब कुछ आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ताहिर हुसैन रूपारिया ने अदालत के समक्ष उनकी जमानत याचिका दायर की।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।