नई दिल्ली:
Nuh Violence : हरियाणा के नूंह में सोमवार को जलाभिषेक यात्रा को रोकने पर हिंसा भड़क उठी और हिंसा की आग आसपास के जिलों में फैल गई है. नूंह समेत गुरुग्राम और फरीदाबाद के कई क्षेत्रों में हालात बिगड़ गए, इसलिए यहां पर पुलिस के साथ ही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात किए गए. साथ ही सभी जगहों पर इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं. इस मामले को लेकर वीएचपी (VHP) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है.
डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि मेवात को हरियाणा का मिनी पाकिस्तान और हिंदुओं का कब्रिस्तान कहा जाता है और ये मैंने कल भोगा है. मेवात में महाभारत कालीन मंदिर है. हर हिंदू सावन के महीनों में इन मंदिरों में जाना और जलाभिषेक करना चाहता है. वहां पर नलहर महादेव मंदिर से कल यात्रा शुरू होते ही पत्थर मारे गए, बम फेंके गए और मोर्टार भी दागे गए. जब हम पीछे हटे तो वहां भी पत्थर लगा रखे थे तो साफ है कि हमें चारों तरफ से घेर कर पत्थरबाजी हो रही थी.
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के बाद बसों और कारों में आग लगी दी. मेरे सामने ही मेरे दो कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई. पुलिसवालों ने बताया कि यहां आने में 3 घंटे लग गए. सब तरफ बैरिकेड डाल रखे थे और पूरे मेवात को चारों तरफ से घेर लिया था. एक अनुमान के मुताबिक, दो फरीदाबाद, दो पलवल और एक पानीपत के कार्यकर्ता गायब होने की सूचना है. कुछ लोग आज कह रहे हैं कि हिंदुओं ने कार्यवाही की है. वह लोग केवल उनके पापों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, उनको बढ़ावा दे रहे हैं.
VHP के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने आगे कहा कि एक पार्टी के नेता ने 4 महीने पहले विधानसभा में कहा था कि किसी की हिम्मत है तो मेवात में घुसकर दिखा दे. उन्होंने यह कहा था कि अगर पुलिस वाले गांव में आए तो उनके हाथ पैर तोड़ दो. नूंह हिंसा को लेकर बहुत जल्द आसपास के गांव में महापंचायत की जाएगी, निर्णय वहां का समाज लेगा कि यह यात्रा जो अधूरी रह गई उसे कब पूरा करना है और उसकी शुरुआत कब करनी है?
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उन्होंने कहा कि इसे लेकर पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर धरने दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि जो बलिदान हुए हैं उनके परिवारों को 1 करोड़ अनुदान दिया जाए. घायलों का सही ढंग से इलाज कराकर 20 लाख अनुदान दिए जाए. पूरे मेवात को सील करके दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटना करने से पहले कई बार सोचे.