सब्जियों की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीदों ने भी आशावादी नजरिये को मजबूती दी। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त लेने में सफल रहे जबकि जापान का निक्की एवं हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में रहे।
मुंबई। घरेलू निवेशकों की तगड़ी लिवाली आने से स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार सातवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 528 अंक उछलकर एक बार फिर 67,000 के पार पहुंच गया जबकि एनएसई निफ्टी ने पहली बार रिकॉर्ड 20,000 अंक का स्तर छुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से बनी सकारात्मक धारणा के बीच दिग्गज कंपनियों रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक में खरीदारी आने से शेयर बाजारों को रफ्तार देने का काम किया।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 528.17 अंक यानी 0.79 प्रतिशत उछलकर 67,127.08 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 573.22 अंक तक उछलकर 67,172.13 पर भी पहुंच गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 176.40 अंक या 0.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,996.35 पर बंद हुआ। एक्सचेंज पर कारोबार बंद होने के ठीक पहले निफ्टी 188.2 अंक उछलकर 20,008.15 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी धीरज रेली ने कहा, निफ्टी जुलाई के बाद अपने दूसरे प्रयास में आखिरकार 20,000 अंक के बहुप्रतीक्षित स्तर को छूने में कामयाब रहा।
विदेशी निवेशकों के मिलेजुले रुख के बावजूद स्थानीय निवेशकों के मजबूत समर्थन ने निफ्टी को यह मुकाम हासिल करने में मदद की है।
रेली ने कहा कि हाल में अंतरिक्ष और कूटनीति के क्षेत्रों में भारत को मिली उपलब्धियों ने वैश्विक स्तर पर कायम अस्थिरता के दौर में भारतीय शेयरों के लिए धारणा को मजबूती देने का काम किया है।
सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड, मारुति सुजुकी, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले और महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रमुख रूप से बढ़त के साथ बंद हुईं।
दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस और लार्सन एंड टुब्रो इस तेजी के दौर में भी पीछे रह गईं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, घरेलू बाजारों ने दिन की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की। दरअसल जी20 शिखर सम्मेलन में हासिल ऐतिहासिक सहमति ने निवेशकों में भरोसा जगाने का काम किया। सब्जियों की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीदों ने भी आशावादी नजरिये को मजबूती दी।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त लेने में सफल रहे जबकि जापान का निक्की एवं हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में रहे।
यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में बढ़त रही थी।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.23 प्रतिशत गिरकर 90.35 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
घरेलू बाजारों में तेजी के दौर में विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी है। शेयर बाजारों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 224.22 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की थी।
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