अनूप पासवान/कोरबाः- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला को ऊर्जाधानी का तमगा मिला. लेकिन इसके कारण यहां रहने वालों को प्रदूषण की मार झेलनी पडती है. यहां प्रदूषण की बड़ी वजहों में पॉवर प्लांटों से निकलने वाली रखाड़ और कोयले का धुंआ है. इस बार कोरबा में संचालित विद्युत संयंत्र और कोयला खदान मैनेजमेंट को लाखों का झटका लगा है. खासकर एन. जी. टी के नियमों की धज्जियां उड़ाने और मनमानी होने वाले संयंत्र प्रबंधन को भारी भरकम जुर्माना चुकाना पड़ा है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की है.
कंपनियों पर लगा इतना जुर्माना
आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा मनमानी करने वाली कंपनी भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (Balco) है. मैनेजमेंट को राखड़ डंपिंग के मामले में करीब सवा 9 लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ा है. दूसरे नंबर पर एचटीपीएस दर्री संयंत्र है, जिसे कुल 8 लाख 98 हजार रुपए जुर्माना लगा. राखड़ डंप कर प्रदूषण फैलाने के मामले में सीएसईबी के डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी पावर प्लांट पर 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है. इसी तरह लैंको अमरकंटक पावर प्लांट से 1 लाख 25 हजार का फाइन लिया गया है.
कार्रवाई जारी रहेगी
एन. जी. टी. के नियमों की धज्जियां उड़ाने में SECLअधिकारी भी पीछे नहीं रहे. कोयला खदानों से निकलने वाले अपशिष्ट का कुप्रबंध करने के मामले में दीपका खदान मैनेजमेंट पर 5 लाख रुपए का आर्थिक दंड लगाया गया. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के इस तेवर से प्लांट प्रबंधनों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मसले पर विभाग के वैज्ञानिक पी. आर. चंदेल ने बातचीत करते हुए बताया कि ये कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 18:27 IST