NDTV Real Estate Conclave: कैसा होगा सपनों का मकान, कितना सस्ता कितना आलीशान? जानें दिग्गजों की राय

नई दिल्ली:

NDTV रियल एस्टेट कॉन्क्लेव शुरू हो गया है. इस कॉन्क्लेव के पहले सेशन “कैसा होगा सपनों का मकान, कितना सस्ता कितना आलीशान”  में रियल स्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) के कई दिग्गजों ने भाग लिया जिनमें डीएलएफ के एमडी राजीव तलवार, एटीएस के सीएमडी गीतांबर आनंद और मैक्स एस्टेट्स के सीओओ ऋषि राज का नाम शामिल है. उन्होंने लोगों के सपनों के मकान (Dream Home) से लेकर इस सेक्टर से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की.

मकान के निर्माण में AI जैसी तकनीक का हो रहा इस्तेमाल: राजीव तलवार

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डीएलएफ डेवलपर्स के एमडी राजीव तलवार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है. इसलिए हर सेक्टर की मांग बढ़ रही है. अब टेक्नोलॉजी की मदद से आगे और भी अच्छे मकान बनेंगे. इसके लिए आज एआई जैसी तकनीक का भी इस्तेमाल शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि आप कोशिश करें कि भले ही छोटा हो लेकिन आप मकान बुक जरूर कराएं. राजीव तलवार का कहना है कि घर की मालकिन हमेशा महिलाओं को होना चाहिए जबकि महिलाओं को चाहिए कि वह पति से कहें कि मैं ईएमआई देख लूंगी, आप घर का खर्चा चलाओ. 

कोविड से पहले की तुलना में होमबार्यस की संख्या में वृद्धि: गीतांबर आनंद

एटीएस के सीएमडी गीतांबर आनंद ने कहा कि पोस्ट कोविड के बाद मांग जरूर बढ़ी है. सपनों का घर कहां हो कितना लग्जरी वाला हो औऱ कोविड के बाद कितना बड़ा हो, ये आज अहम है. कोविड के बाद देखा गया है कि खरीदार जो पहले दो बेड रूम के लिए देख रहा था वो अब तीन बेड देख रहा है. महंगाई की वजह से कीमत ऊपर गई है. प्रोडक्ट की कॉस्ट बढ़ी है इसलिए फ्लैट महंगे हुए हैं.

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उन्होंने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर में कोविड के बाद काफी बदलाव आया है. कोविड के बाद लोग अब अपना मकान चाहते हैं. ज्यादातर लोग अब किराये का मकान नहीं चाहते हैं. यानी होमबार्यस की संख्या कोविड से पहले की तुलना में बढ़ गई है.

2047 तक रियल एस्टेट 6 ट्रिलियन की हो जाएगी: ऋषि राज

मैक्स एस्टेट्स के सीओओ ऋषि राज से जब पूछा गया कि क्या वर्क फ्रॉम की वजह से लोग आज बड़ा स्पेश देख रहे हैं. क्या इस तरह की चीजों से इंडस्ट्री को ग्रो करने में मदद मिली है. तो उन्होंने बताया कि  कोविड के पहले और बाद में लोगों की वेल्थ बढ़ी है. इस वजह से आज हर सेक्टर में मांग बढ़ी है. हर साल हमें एक करोड़ घर चाहिए लेकिन हर साल दो से तीन लाख घर बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि इंडिया का यूएस की तुलना में ऑफिस स्टॉक मात्र 8 फीसदी है. 2047 तक रियल एस्टेट 6 ट्रिलियन की हो जाएगी.

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