सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था. वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि एक चैत्र नवरात्रि और दूसरा शारदीय नवरात्रि. साल के पहले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है तो वही दूसरी नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि का पर्व माता दुर्गा को समर्पित किया जाता है. नवरात्रि में जातक माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की 9 दिनों तक विधि-विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. माता रानी को प्रसन्न करने के लिए जातक नवरात्रि के 9 दिनों तक नवदुर्गा के स्वरूप की पूजा आराधना करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से शुरू हो रही है. जिसका समापन 18 अप्रैल को होगा तो दूसरी तरफ शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर को समाप्त होगा.
चैत्र नवरात्रि 2024
9 अप्रैल 2024 को मां शैलपुत्री की पूजा
10 अप्रैल 2024 को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
11 अप्रैल 2024 को मां चंद्रघंटा की पूजा
12 अप्रैल 2024 को मां कुष्मांडा की पूजा
13 अप्रैल 2024 को मां स्कंद माता की पूजा
14अप्रैल मां 2024 को मां कात्यायनी की पूजा
15 अप्रैल 2024 को मां कालरात्रि की पूजा
16 अप्रैल 2024 को मां महागौरी की पूजा
17 अप्रैल 2024 को मां सिद्धिदात्री की पूजा
शारदीय नवरात्रि 2024
3 अक्टूबर 2024 को मां शैलपुत्री की पूजा
4 अक्टूबर 2024 को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
5 अक्टूबर 2024 को मां चंद्रघंटा की पूजा
6 अक्टूबर 2024 को मां कुष्मांडा की पूजा
7 अक्टूबर 2024 को मां स्कंद माता की पूजा
8 अक्टूबर 2024 को मां कात्यायनी की पूजा
9 अक्टूबर 2024 को मां कालरात्रि की पूजा
10 अक्टूबर 2024 को मां महागौरी की पूजा
11 अक्टूबर 2024 को मां सिद्धिदात्री की पूजा
(नोट: यहां दी गई समस्त जानकारी ज्योतिष गणना के मुताबिक है न्यूज़ 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता.)
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 09:21 IST