प्रवीण मिश्रा ,खंडवा : हवन हिंदू परंपरा का एक प्रमुख कर्मकांड है. इसमें अग्नि में कुछ पदार्थों का मिश्रण डाला जाता है. ऐसा माना जाता है कि हवन की अग्नि में जो पदार्थ डालते हैं वो सीधा देवताओं तक पहुंचकर उन्हें तृप्त करता है. वैसे तो हर पूजा पाठ में हवन करना शुभ माना जाता है लेकिन नवरात्रि में हवन के बिना दुर्गा मां की पूजा अधूरी मानी जाती है. पुराणों के अनुसार हवन दुर्गा पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है.
पंडित राजेश पाराशर ने बताया कि देवी भागवत पुराण के अनुसार दुर्गा हवन के लिए दुर्गा सप्तशती के 11 पाठ करने चाहिए. जिससे साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है. वही हवन करने के लिए सामग्री में आम की लकड़ी, बेल, नीम, देवदार की जड़, चंदन की लकड़ी, तिल, अश्वगंधा की जड़, कपूर, लौंग, अक्षत, ब्राम्ही, बहेड़ा का फल, घी, तिल, लोबान, इलायची और अन्य वनस्पतियों का बूरा मिश्रित करके हवन सामग्री को तैयार किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 08:41 IST