Navratri 2023: नवरात्रि में मां के 9 रूपों का इस विधि से करें श्रृंगार, पूरी होगी हर मनोकामना

विनय अग्निहोत्री/भोपाल. इस साल शारदीय नवरात्रि का शुभ आरम्भ 15 अक्टूबर से होने जा रहा है. मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. इस दौरान भक्त मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों का अलग अलग दिन श्रंगार करते हैं. संस्कृत संस्थान भोपाल ज्योतिष शास्त्र के विद्वान प्रो. भूपेन्द्र पांडेय ने लोकल 18 से बताया कि नवरात्रि में अलग-अलग दिन देवी मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है और श्रृंगार किया जाता है. उन्होंने बताया कि निर्णय सिंधु धर्म शास्त्र ग्रंथ के अनुसार,  प्रतिपदा से लेकर नवमी तक माता का अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है.

नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री को पीला वस्त्र पहनाकर बालों का श्रृंगार किया जाता है. दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती हैं. सिंदूर और द्रव्य चढ़ाना चाहिए. तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है. इनके मस्तक में सिंदूर चढ़ाया जाता है. चौथे दिन देवी माता कूष्माण्डा की पूजा की जाती है. इस दिन मां की आखों का श्रृंगार करना चाहिए. पांचवा दिन स्कंदमाता का है. इस दिन मां के अंग की पूजा की जाती यानी की जो भी वस्त्र और द्रव्य है जो अंग को सुंदर बना सकें, उन्हें चढ़ा कर पूजा अर्चना करनी चाहिए.

महागौरी को पसंद गुलाबी रंग
नवरात्रि के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती हैं. पंचमी तक मां का श्रंगार किया जाता है. छठें दिन बेल के पेड़ की जड़ की पूजा की जाती है. सातवें दिन कालरात्रि की पूजा की जाती है. इस दिन हमने जो बेल के पेड़ के नीचे पूजा की है, उसके घर में आवाहन करते है. और अर्द्ध रात्रि के समय होने वाली इनकी विशेष पूजा में हम विशेष बलि देकर इनकी पूजा करते हैं. आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है. इन्हें गुलाबी रंग बेहद पसंद है. इस दिन मां का श्रृंगार गुलाबी रंग से करें. नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन हवन करते हैं और देवी से प्रार्थना करते हैं. इससे मातारानी प्रसन्न होती हैं और मनकामनाएं पूरी करती हैं.

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