दुर्गेश सिंह राजपूत /नर्मदापुरम: आज यानी 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) है. अब हमारा देश स्वदेशी गगनयान मिशन पर लगातार काम कर रहा है. वहां भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा कर उन्हें एस्ट्रोनॉट्स विंग्स प्रदान किए जा चुके हैं. इस अवसर पर स्वदेशी तकनीक के माध्यम से विकसित भारत के लक्ष्य को सामने रखकर इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है. इस बारे मे थीम आधारित जानकारी देने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने ग्रामीण क्षेत्र में विज्ञान चौपाल का आयोजन किया. इससे उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बीच विज्ञान की जानकारी साझा की.
भारत सफलता पूर्वक आगे बढ़ा
सारिका ने बताया कि विगत दस वर्षो में भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खगोल विज्ञान, सौर एवं पवन ऊर्जा, सेमी कंडक्टर, क्लाइमेट एवं स्पेस रिसर्च, क्वांटम टेक्नोलॉजी और बॉयोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में बहुत आगे बढ़ा है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग से वैज्ञानिक सफलता प्रयोगशाला से चंद्रमा तक पहुंच गई है. कोविड के समय भारत ने वैक्सीन विकास क्षमता को पूरा कर विश्व में एक संदेश दिया है. ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स और पेटेंट फाइलिंग में विश्व स्तर पर नई ऊंचाई पाई है. सारिका ने वैज्ञानिक प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि विज्ञान के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने स्वदेशी तकनीक पर बल दिया जा रहा है. सारिका ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के आयोजन को सिर्फ नगरीय स्कूल, कॉलेज, विज्ञान केंद्र तक सीमित न रखकर हर क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता बताई.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस?
सारिका ने बताया कि रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया था. इस दिन सर सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी. इसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर थीम-आधारित विज्ञान गतिविधियां पूरे देश में चलाई जाती हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 28, 2024, 16:18 IST