NASA ने किया दावा, Chandrayaan-3 का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किलोमीटर दूर उतरा था

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ की एक तस्वीर जारी की है जिसे उसके चंद्र निगरानी कक्षीय (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने खींचा है। चंद्रयान-3 के लैंडर को तस्वीर के मध्य में देखा जा सकता है।

बेंगलुरु। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ की एक तस्वीर जारी की है जिसे उसके चंद्र निगरानी कक्षीय (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने खींचा है।
चंद्रयान-3 के लैंडर को तस्वीर के मध्य में देखा जा सकता है और विक्रम के चारों तरफ चमक के साथ उसकी काली छाया को भी देखा जा सकता है।
नासा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘नासा के एलआरओ अंतरिक्षयान ने हाल में चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीर ली है। इसरो का चंद्रयान-3 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किलोमीटर दूर उतरा था।

27 अगस्त 2023 को, नासा के चंद्र टोही ऑर्बिटर (एलआरओ) ने चंद्र परिदृश्य पर एक विशिष्ट बिंदु पर अपने कैमरे का लक्ष्य रखा। इसका मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 लैंडर को पकड़ना था, जो उससे ठीक चार दिन पहले चंद्रमा पर उतरा था। ऑर्बिटर सफल रहा, जिससे दुनिया को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 600 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लैंडिंग स्थल पर पहली बार विस्तृत जानकारी मिली।

नासा के एलआरओ पर लगे कैमरे, जिसे एलआरओसी कहा जाता है, ने इन छवियों को असामान्य 42-डिग्री के कोण पर प्राप्त किया। उल्लेखनीय रूप से, यह तिरछा दृष्टिकोण भारतीय अंतरिक्ष यान के लैंडिंग स्थल के एक अद्वितीय और विस्तृत दृश्य निरीक्षण की अनुमति देता है।



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