Nainital: सर्दियों में दिखता है पहाड़ के इन फलों का ‘दम’, बीमारियों से करते हैं बचाव

रिपोर्ट: हिमांशु जोशी

नैनीताल. उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान कई तरह के फल पेड़ों पर लदे देखने को मिल जाएंगे. यह फल मौसम परिवर्तन के दौरान होने वाले वायरल जैसे कि खांसी, जुकाम और अन्य बीमारियों से लड़ने में मददगार हैं. इन फलों में सिटरस की मात्रा काफी ज्यादा होती है. यह सभी फल रुटेसी (Rutaceae) फैमिली के होते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इनकी खासियत और औषधीय गुण.

नींबू: पहाड़ में नींबू बड़े आकार का भी होता है. इसका वानस्पतिक नाम सिटरस मेडिका है. इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, सेलेनियम, मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, फास्फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है. इसको खाने से किसी भी तरह की अपच नहीं होती है, जिस वजह से इसे कितनी ही मात्रा में उपभोग किया जा सकता है. सर्दियों के दौरान जुकाम, खांसी में भी नींबू लाभदायक है. यह शरीर को ताजगी प्रदान करता है. पहाड़ में इसकी भांग या पुदीने के साथ मिलाकर चटनी बनाई जाती है. 1500 से 1600 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह पाया जाता है. भारत में लगभग 20 लाख टन बड़े नींबू का उत्पादन होता है. नींबू को अलग-अलग फलों के साथ मिलाकर भी खाया जाता है.

संतरा: संतरा अक्सर बाहर के राज्यों से उत्तराखंड में आता है. हालांकि यहां के कुछ जिलों में सर्दियों के दौरान संतरे का भी उत्पादन देखने को मिल जाएगा. इसका वानस्पतिक नाम सिटरस साइनेंसिस है. संतरे में आयरन, पोटेशियम, विटामिन सी, फ्रकटोज काफी मात्रा में होता है. यह फल शरीर में ऊर्जा देने का काम करता है. यह बवासीर, खूनस्राव, पेचिस, बुखार, जोड़ों के दर्द और जुकाम में भी लाभदायक है.

माल्टा: सर्दी का मौसम आते ही पेड़ों पर दिखने लगता है पहाड़ का सीजनल फ्रूट माल्टा. उत्तराखंड में होने वाले इस फल को पहाड़ के लगभग हर एक इंसान ने खाया होगा. यह फल अपने स्वाद और गुणवत्ताओं के लिए देश के साथ-साथ विदेश में भी काफी जानी जाता है. कुछ जगहों पर यह ‘हिमालयन ऑरेंज’ के नाम से भी मशहूर है. इसके रस के साथ-साथ इसका बीज और छिलका भी कई चीजों में लाभदायक है. नारंगी रंग के इस माल्टा का साइंटिफिक नाम सिटरस सिनानसिस है. इसमें अलग-अलग मात्रा में विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, फास्फोरस, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है. पहाड़ का यह फल नैनीताल, भीमताल, भवाली क्षेत्रों में अधिक मात्रा में मिलता है. इसका इस्तेमाल कई जगहों पर स्क्वैश बनाने में भी होता है. इसका खट्टा-मीठा जूस काफी स्वादिष्ट और सेहत से भरपूर होता है. फ्रूटेज जूस कंपनी के मालिक संजीव भगत बताते हैं कि माल्टा का स्क्वैशसर्दियों में काफी ज्यादा बिकता है. इस फल की खासियत है कि इसके जूस की तासीर गरम होती है. इसलिए सर्दियों में अक्सर होने वाले सर्दी, जुकाम और खांसी में यह फल काफी फायदा करता है.

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