Nageshwar Nath Temple: भगवन कृष्ण के द्वारपाल के रूप में जाना जाता हैं ये ज्योतिर्लिंग, भोलेनाथ आज भी करते हैं निवास

नई दिल्ली :

Nageshwar Nath Temple: नागेश्वर नाथ मंदिर, जो द्वारकाधीश मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, गुजरात के द्वारका में स्थित एक हिंदू मंदिर है. यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी में गुप्त राजाओं द्वारा किया गया था.  मंदिर एक विशाल परिसर में स्थित है जिसमें कई मंदिर और स्मारक हैं. मुख्य मंदिर एक शिखर शैली में बनाया गया है और इसमें गर्भगृह, अंतराल और मंडप है. गर्भगृह में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है. अंतराल एक छोटा सा कक्ष है जो गर्भगृह को मंडप से जोड़ता है. मंडप एक बड़ा हॉल है जहां भक्त इकट्ठा होते हैं. मंदिर कई किंवदंतियों और कहानियों से जुड़ा हुआ है. एक किंवदंती के अनुसार, भगवान शिव ने यहां द्वारकाधीश के रूप में प्रकट हुए थे और दानवों से लड़ाई में भगवान कृष्ण की मदद की थी. एक अन्य किंवदंती के अनुसार, मंदिर का निर्माण चंद्रवंशी राजाओं द्वारा किया गया था. नागेश्वर नाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. हर साल लाखों भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं. मंदिर महा शिवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान विशेष रूप से जीवंत होता है.

नागेश्वर नाथ मंदिर के रोचक तथ्य:

  • यह भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.
  • यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो भगवान शिव के सबसे पवित्र निवास स्थानों में से एक है.
  • मंदिर का निर्माण गुप्त राजाओं द्वारा किया गया था और बाद में चालुक्यों और राष्ट्रकूटों द्वारा इसका जीर्णोद्धार किया गया था.
  • मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर और स्मारक हैं, जिनमें द्वारकाधीश मंदिर, गोमती घाट और नाग कुंड शामिल हैं.
  • नागेश्वर नाथ मंदिर द्वारकाधीश मंदिर के 22 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.
  • नागेश्वर नाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो समुद्र तट पर स्थित है.
  • नागेश्वर नाथ मंदिर को “द्वारकाधीश के द्वारपाल” के रूप में भी जाना जाता है.
  • नागेश्वर नाथ मंदिर में हर साल महाशिवरात्रि और सोमनाथ जयंती जैसे कई त्यौहार मनाए जाते हैं.

आप द्वारका जा रहे हैं, तो नागेश्वर नाथ मंदिर की यात्रा करना सुनिश्चित करें. यह एक सुंदर और पवित्र मंदिर है जो आपको आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा. नागेश्वर नाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है और हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं.

नागेश्वर नाथ मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी में गुप्त राजाओं द्वारा किया गया था. मंदिर का जीर्णोद्धार 18वीं शताब्दी में पेशवाओं द्वारा किया गया था. मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को समर्पित है. ज्योतिर्लिंग एक स्वयंभू शिवलिंग है, जिसका अर्थ है कि यह स्वयं प्रकट हुआ है. गर्भगृह के चारों ओर एक परिक्रमा मार्ग है. परिक्रमा मार्ग के साथ, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान नंदी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं. मंदिर का शिखर 150 फीट ऊँचा है. शिखर पर भगवान शिव के त्रिशूल का चिन्ह है. नागेश्वर नाथ मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है. मंदिर में हर साल लाखों भक्त आते हैं.

 

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