Nagaur : राजस्थान के नागौर जिले के दांतीणा ग्राम में पंचों ने मिलकर एक तालिबानी फरमान जारी कर गांव के सरपंच सहित एक ही परिवार के करीब पचास लोगों का हुक्का-पानी बंद कर दिया. यही नहीं, पंचायत में सरपंच को एक पैर पर खड़ा रखा गया और माफी मांगनी पड़ी और उस पर पांच लाख का जुर्माना भी थोप दिया गया. इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.
वहीं, इस मामले में जी राजस्थान ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित करने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और इस मामले में आठ लोगों को हिरासत में लिया गया . साथ ही अन्य लोगों की पुलिस तलाश पर रही है . इसके साथ ही नागौर पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नागौर वृताधिकारी ओमप्रकाश गोदारा , खींवसर तहसीलदार, पुलिस और गांव के प्रतिष्ठित लोगों के साथ बैठक लेकर इस प्रकार के मामलों में रोकने के लिए वार्ता कर रहे हैं.
नागौर पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा
नागौर पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि ऐसे मामले आगे ना आएं, और गांव में सौहार्द का माहौल बना रहे, इसके लिए गांव के प्रतिष्ठित लोगों के साथ बैठक ली जा रही है . आपको बता दें, कि यह पूरा मामला नागौर जिले की खींवसर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत दांतीणा गांव का है. मामले के अनुसार, 9 दिसंबर को ग्राम पंचायत दांतीणा में एक खाप पंचायत हुई थी. यह बैठक पूर्व सरपंच, पंच और 50 से ज्यादा ग्रामीणों ने मिलकर बुलाई थी.
इस बैठक में दांतीणा के सरपंच श्रवण राम मेघवाल के भाई मूलाराम पर हत्या का आरोप लगाते हुए पूर्व सरपंच और अन्य पंचों ने मिलकर तुगलकी फरमान जारी कर दिया. इस पंचायत में सरपंच श्रवनराम को जबरन बुलाया गया. पंचायत में पहुंचने के लिए सरपंच श्रवण राम को बार बार फोन किया गया. सरपंच ने जब कहा कि इस पंचायत में उसका क्या काम है? तब उसे ग्राम पंचायत की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने की धमकी दी गई. साथ ही सरपंच और उसके परिवार को गांव समाज से बहिष्कृत करने और हुक्का-पानी बंद करने की भी चेतावनी दी गई.
जिसके बाद सरपंच श्रवनराम इस पंचायत में पहुंचा, तो उससे कहा गया कि आपके भाई मूलाराम ने जीतू सिंह की हत्या की है. इस कारण आपके खिलाफ पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. इस दौरान श्रवणराम को एक पैर पर खड़े होने को मजबूर किया गया. साथ ही गांव समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी कर 5 लाख का जुर्माना भी थोप दिया गया.
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इस फरमान के खिलाफ सरपंच श्रवणराम मेघवाल ने कहा कि जीतू सिंह की हत्या से मेरा कोई लेना देना नहीं है. अगर उसका भाई मूलाराम दोषी है, तो उसके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होगी. लेकिन इस पंचायत में सरपंच की एक ना सुनी गई और तुगलकी फरमान सुना दिया गया.
गाली गलौज कर शारीरिक और मानसिक कष्ट दिया
सरपंच श्रवण राम ने आरोप लगाया कि इस पंचायत में शेराराम, भगवत सिंह, रामूराम, उमाराम, जोराराम, लूणाराम, किशनाराम, श्रवणराम, उमाराम, प्रतापराम, प्रहलाद राम ने कहा कि हम सभी लोग अपने आप में स्वयंभू पंच हैं. इन लोगों ने सरपंच श्रवण राम मेघवाल से कहा कि हाथ जोड़ कर एक पैर पर खड़े हो जाओ. सरपंच ने आरोप लगाया कि सभी ने उसे बहुत तंग और परेशान किया.
सभी ने गाली गलौज कर शारीरिक व मानसिक कष्ट दिया. उन्हें और उनके परिवार को गांव समाज से बहिष्कृत करने का फरमान भी जारी कर दिया. कहा कि इनके परिवार को गांव से निकालना है. इनके परिवार का हुक्का पानी बंद करना है. कोई भी गांव का दुकानदार इन्हें किराने का सामान नहीं देगा. सरपंच के घर किसी का आना-जाना नहीं होगा. उसके घर कोई खाना-पीना नहीं करेगा.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारा फैसला पुलिस और कोर्ट से ऊपर है. बचना है तो 5 लाख रूपए का दंड देना होगा. वरना पंचायत व गांव से बाहर रहेगा. सरपंच ने कहा कि मेरे पास इतने रुपए नहीं हैं और आप दंड लगाने वाले और यह फैसला करने वाले कौन हो? तब इन लोगों ने सरपंच को डराया धमकाया और मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले आए.
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच
सरपंच श्रवनराम की शिकायत पर पांचौड़ी पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही नागौर पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आठ लोगों को हिरासत में लिया है . और अन्य लोगों की तलाश की जा रही है . इसके साथ ही गांव में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे इसके लिए गांव के मौजीज लोगों के साथ पुलिस प्रशासन और खींवसर तहसीलदार के साथ बैठक ली गई . गांव में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए अपील की.