Muzaffarpur: लीची की दुर्लभ प्रजातियों को बचाने के लिए संघ को मिला राष्ट्रपति से सम्मान

अभिषेक रंजन/ मुजफ्फरपुर. शहर की पहचान लीची ने फिर एक नया कीर्तिमान कायम किया है. विलुप्त हो चुकी लीची की 12 प्रजातियों के संरक्षण के लिए बिहार लीची उत्पादक संघ को राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला है. नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभागार में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. यह सम्मान लीची उत्पादक संघ के द्वारा बच्चा सिंह के नेतृत्व में लीची के एक दर्जन किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण के लिए किए गए काम के लिए मिला है.

मुजफ्फरपुर के लीची संघ की ओर से मुरौल के नेमोपुर स्थित बागान में लीची की 12 विलुप्त हो रही प्रजाति को संरक्षित किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह को इस काम के लिए सम्मानित करने के साथ ही 10 लाख रुपए का पुरस्कार भी दिया है. राष्ट्रपति के हाथों मिले 10 लाख की पुरस्कार राशि को विलुप्त हो रही लीची की प्रजातियों के संरक्षण पर खर्च किया जाएगा. लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि बिहार से लीची संरक्षण के अलावा कतरनी धान की विलप्त हो रही प्रजाति को बचाने के लिए भागलपुर के किसानों को भी राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया है.

पैकिंग के क्षेत्र में भी किया जा रहा बेहतर कार्य
इस पुरस्कार के साथ ही संघ को पैकिंग के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए भी सम्मान मिला है. लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि संघ के द्वारा गंडकी संपदा, गंडकी योग्यता, गंडकी लालिमा, रोज सेंटेड,स्वर्णरूपा, अर्ली बेदाना, लेट बेदाना, लोंगिया, त्रिकोलिया, मंद्राजी, पूर्वी और लोगन प्रजाति को संरक्षित किया गया है.बच्चा प्रसाद सिंह कहते हैं कि लीची की इन वैरायटी को बचाना बेहद जरूरी है. उनकी चिंता इसकी बात को लेकर है और वे इस उद्देश्य से वह काम भी कर रहे हैं. राष्ट्रपति ने उनके संघ के इस काम को पहचाना और सम्मान दिया, यह हर्ष का विषय है.

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FIRST PUBLISHED : September 23, 2023, 13:15 IST

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