Mutual Fund Investment: जब आपने म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू किया, तो आपका पहला ध्यान टैक्स-सेवर ईएलएसएस फंड से था और हो सकता है कि आपने स्थिति का परीक्षण करने के लिए कुछ हजार (जैसे ₹3,000-5,000) की एक छोटी मासिक व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के साथ शुरुआत की हो. कुछ वर्षों में आपने म्यूचुअल फंड की वृद्धि (क्षमता) देखी और अधिक निवेश करने का निर्णय लिया और अब आप प्रति माह ₹15,000-20,000 का निवेश करते हैं. लेकिन क्या ये काफी है? हालांकि प्रति माह ₹15,000-20,000 का निवेश करना अच्छा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आपके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा? ऐसे में यह जानना काफी जरूरी है कि आपकी SIP की अमाउंट कितनी होनी चाहिए. आइए समझते हैं…
उदाहरण से समझें
मान लीजिए कि आप 30 वर्षीय विवाहित व्यक्ति हैं और आपका मासिक वेतन ₹1.5 लाख है. आपका नियमित मासिक खर्च ₹85,000 है और इसलिए आपके पास ₹65,000 का महीने का सरप्लस है. ऐसे में कई अन्य म्यूचुअल फंड निवेशकों की तरह आप भी मासिक एसआईपी (₹15,000) करते हैं. आप इसके बारे में अच्छा महसूस करते हैं, क्योंकि आप सब कुछ खर्च करने के बजाय कम से कम कुछ ‘बचत’ कर रहे हैं.
वहीं, आपके कुछ दूसरे टारगेट भी हैं, जिनको पूरा करने की भी आप चाह रखते हैं. उनमें घर खरीदना भी शामिल हो सकता है. इसके अलावा बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए भी आप आज से ही खुद को मजबूत करना चाहते हैं. वहीं रिटायरमेंट प्लानिंग भी एक मुद्दा हो सकता है. ऐसे में आपको कई सारे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लेना होगा कि SIP कितनी होनी चाहिए.
उदाहरण के तौर पर, आप होम लोन पर घर लें तो आपको चार वर्षों में ₹15 लाख की डाउन-पेमेंट राशि की जरूरत होगी, आपके बच्चे की उच्च शिक्षा जिसके लिए आपने 12 साल में ₹50 लाख का लक्ष्य रखा है. तीसरा लक्ष्य 20 साल के बाद रिटायरमेंट की राशि हासिल करना हो सकता है, जिसके लिए आपने ₹4 करोड़ का अनुमान लगाया है. आपके लक्ष्यों के आकार से यह स्पष्ट होना चाहिए कि ₹15,000 मासिक एसआईपी इन सभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कभी भी पर्याप्त नहीं होगी. तो वास्तव में क्या आवश्यक है? इसके लिए, आप खुद गणित लगा सकते हैं या फिर किसी निवेश सलाहकार से जांच कर सकते हैं.
हालांकि हमने जो उदाहरण आपके सामने पेश किया है उसके लिए आवश्यक है कि—
– आपके घर का डाउन पेमेंट (20:80 Equity:Debt आवंटन पर) जमा करने के लिए 4 साल तक ₹25,000-26,000 प्रति माह.
– बच्चे की शिक्षा के लिए 12 वर्षों तक ₹18,000-19,000 प्रति माह (60:40 Equity:Debt).
– रिटायरमेंट के लिए 20 वर्षों तक ₹56,000-57,000 प्रति माह (60:40 Equity:Debt)
इनका रखें ध्यान
ऐसे में कुल मिलाकर तीनों लक्ष्यों के लिए आपको प्रति माह ₹1 लाख रुपये से थोड़ा अधिक निवेश करना होगा और यही वह ‘सही’ एसआईपी राशि है जिसके साथ हमने यह पूरी चर्चा शुरू की है और यही आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करेगा, लेकिन मुद्दा यह है कि आपके पास हर महीने केवल ₹65,000 सरपल्स उपलब्ध हैं और आप उसमें से केवल ₹15,000 प्रति माह निवेश कर रहे हैं लेकिन हमें ₹1 लाख की जरूरत है तो ऐसी स्थिति में क्या करें?
ऐसे करें आवंटन
इसलिए जो उपलब्ध राशि है और जो आवश्यक राशि है, उसके बीच एक बड़ा अंतर है. चूंकि हर चीज को पूरी तरह से वित्तपोषित करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं, इसलिए हम वही करेंगे जो उच्च प्राथमिकता वाला हो. ऐसे में हर महीने ₹65,000 रुपये का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, उसके लिए घर के डाउनपेमेंट के लिए ₹25,000 प्रति माह; बच्चे की शिक्षा के लिए अतिरिक्त ₹20,000 और बाकी ₹15,000 प्रति माह आपके रिटायरमेंट के लिए आवंटित किए जा सकते हैं. जबकि, घर के डाउनपेमेंट और बच्चे की उच्च शिक्षा के लक्ष्यों को पर्याप्त रूप से वित्त पोषित किया जा रहा है, रिटायरमेंट का लक्ष्य पीछे चला जाता है. आप इसके लिए ₹15,000 का निवेश कर रहे हैं जबकि गणना के अनुसार ₹56,000-57,000 की आवश्यकता है.
यह ठीक है, क्योंकि याद रखने योग्य ये बात है कि—
पहला यह कि आप रिटायरमेंट से पहले हर महीने ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) के माध्यम से कुछ पैसे बचा रहे होंगे. साथ ही, हर साल आपकी आय और अधिशेष में वृद्धि होगी. तो, आप अपनी एसआईपी को बढ़ाकर आने वाले वर्षों में अपनी रिटायरमेंट सेविंग को बढ़ा सकते हैं और एक बार जब आपके अन्य लक्ष्य पूरे हो जाते हैं तो आपके पास रिटायरमेंट के लिए पिछले वर्षों की कम बचत की भरपाई करने के लिए कई और वर्ष होंगे.
तो इस तरह आप सही एसआईपी राशि का पता लगा सकते हैं. याद रखें कि हर महीने एसआईपी करना ही काफी नहीं है. सही एसआईपी राशि वह है जो वास्तव में आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करती है. लेकिन इस एसआईपी-आधारित उदाहरण के बाद आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप समय-समय पर अपने मौजूदा पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और यदि आवश्यक हो, तो इसमें बदलाव भी करते रहें.