करीब दस साल पहले नार्वे से सामने आई एक खबर ने सभी को हिला कर रख दिया था.
रानी मुखर्जी (Photo Credit: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली:
करीब दस साल पहले नार्वे से सामने आई एक खबर ने सभी को हिला कर रख दिया था. नार्वे में रह रहे एक कपल को उन्हीं के बच्चों का दुश्मन बताया गया था. नॉर्वे की चाइल्ड वेलफेयर सर्विस ने उस कपल के बच्चों को अपनी कस्टडी में ले लिया था. उनका आरोप था कि वे अपने बच्चों की देखभाल ठीक से नहीं कर रहे. रानी मुखर्जी इसी कहानी को लेकर पर्दे पर आई हैं. ट्रेलर तो काफी दमदार था अब बताते हैं कि फिल्म कैसी है…
फिल्म की कहानी
खुशहाल जिंदगी बिता रहे परिवार में उथल-पुथल तब हो जाती है जब वहां की सरकार की चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी उनके बच्चों को उठाकर ले जाती है. वे आरोप लगाते हैं कि बच्चों की मां सागरिका चटर्जी अपने बच्चों की देखभाल ठीक से नहीं कर रही हैं. वे मेंटली स्टेबल नहीं हैं. उनके बच्चे नॉर्वे के किसी और कपल को गोद दे दिए जाते हैं. अब मां अपने बच्चों के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देती है. उनकी कस्टडी पाना इतना आसान नहीं था हर कदम पर एक नई चुनौती आती है लेकिन सागरिका हिम्मत नहीं छोड़ती. इस राह उन्हें किस तरह का ट्रॉमा झेलना पड़ता है फिल्म की कहानी इसी पर है. इस असल कहानी की दर्दनाक हकीकत देखने के लिए आप थिएटर पहुंचिए.
डायरेक्शन और एक्टिंग
जैसा कि कहानी से पता चलता है फिल्म की पूरी कहानी रानी मुखर्जी के कंधों पर है. रानी ट्रेलर से ही साबित कर चुकी हैं कि उन्होंने इस फिल्म में जी जान लगा दी है. जनता से लेकर क्रिटिक्स भी रानी की दमदार परफॉर्मेंस की तारीफ कर रहे हैं. डायरेक्शन की बात करें तो कमान आशिमा छिब्बर ने संभाली है. उनके लेवल पर कुछ कमियां हैं जो साफ नजर आती हैं. फिल्म का स्क्रीनप्ले इसका सबसे कमजोर पॉइंट रहा है.
अगर आप बाकी सब छोड़कर सिर्फ रानी पर ही ध्यान देंगे तो आपको फिल्म पसंद आ सकती हैं. वहीं अगर आप बारीक निगाह से देखते हैं तो पाएंगे कि इतने चर्चित केस पर बिना पूरी रिसर्च किए ही फिल्म को स्क्रीन पर पेश कर दिया गया. अगर आपको पहले से इस केस के बारे में नहीं पता है तो आपको फिल्म पसंद आएगी. रानी ने अपना 100% दिया है हां डायरेक्टर भी थोड़ा और कसकर कमान पकड़तीं तो बात दूसरे लेवल तक जा सकती थी.
First Published : 14 Mar 2023, 11:37:48 AM