
MP-MLA court
– फोटो : Amar Ujala/ Sonu Kumar
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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर की अदालत ने सात साल कारावास की सजा सुनाई है। चूंकि, दो साल से अधिक अवधि की सजा पाने के बाद कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता, धनंजय सिंह की राजनीति हमेशा के लिए खत्म हो गई है। सजा पाने के बाद धनंजय सिंह ने भी आरोप लगाया है कि यह उनकी राजनीति को समाप्त करने की साजिश है। जिस दिन भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और जौनपुर लोकसभा सीट पर पूर्व कांग्रेसी नेता कृपाशंकर सिंह को चुनाव में उतारा था, उसी दिन धनंजय सिंह ने यह घोषणा कर दी थी कि वे जौनपुर से चुनाव लड़ेंगे। अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है। यदि उनकी सजा पर स्थगन मिल जाता है, तो वे चुनाव लड़ सकेंगे।
लेकिन धनंजय सिंह पहले सांसद या जनप्रतिनिधि नहीं हैं, जिन्हें अदालत से सजा पाने के बाद अपनी राजनीति खत्म होने का डर सता रहा है। अब तक एमपी-एमएलए कोर्ट ने लगभग 300 जनप्रतिनिधियों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है। इनमें से ज्यादातर नेताओं की हमेशा-हमेशा के लिए राजनीति खत्म हो गई।
इन बड़े नेताओं को हुई जेल
एमपी-एमएलए कोर्ट से यूपी के कई बड़े अपराधी नेताओं को जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान, अतीक अहमद, अशरफ अहमद और बाहुबली मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफजाल अंसारी, बेटा अब्दुल्ला अंसारी जैसे अपराधी नेताओं को अलग-अलग मामले में सजाएं सुनाई जा चुकी हैं। इसके अलावा कुलदीप सेंगर को सजा मिलने के कारण उनकी राजनीति भी हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो गई है।