मंडला. मध्यप्रदेश के मंडला जिले की बिछिया विधानसभा सीट ऐसी है जहां हर 5 साल में पार्टी और विधायक दोनों बदल जाते हैं. बिछिया प्रदेश की ऐसी एकमात्र सीट है. पिछले कुछ साल के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि इस विधानसभा क्षेत्र में एक बार बीजेपी तो दूसरी बार कांग्रेस काबिज आती है. आखिर क्या वजह है…देखिए इस रिपोर्ट में.
मंडला जिले में तीन विधानसभा सीट हैं. मंडला, निवास और बिछिया. इस समय दो सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और एक में बीजेपी का. बिछिया विधानसभा सीट पर हर पांच साल में सत्ता बदल जाती है. ये वो जमीनी सच्चाई है जिससे हर पांच साल में भाजपा-कांग्रेस रू ब रू होते रहे हैं. यह धारणा नहीं है, बल्कि जमीनी सच्चाई है. पिछले पांच चुनाव पर नजर डालें तो राजनीतिक दलों (भाजपा-कांग्रेस) को यही कड़वा घूंट हर पांच साल में पीना पड़ता है.
ऐसे बदलते रहे विधायक
झल्लू तेकाम – 1993-1998 बीजेपी
तुलसी झुमकेती – 1998-2003-कांग्रेस
पं. सिंह धुर्व – 2003-2008- बीजेपी
नारायण सिंह पट्टा – 2008-2013- कांग्रेस
पं. सिंह धुर्वे – 2013-2018- बीजेपी
नारायण सिंह पट्टा- 2018-2023 कांग्रेस
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कोई नहीं कर पाया 10 साल राज
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता इस सीट पर लगातार राज नहीं कर पाए. इसकी मुख्य वजह ये कि इस सीट पर कई दशक से ऐसे मुद्दे हैं जो आज तक सुलझ नहीं पाए. ये इलाका ग्रामीण और अनुसूचित जनजाति का है. यहां बेहतर स्कूल नहीं हैं. यहां के लोगों का ज्यादातर जीवन यापन का जरिया खेती है. उनके पास सिंचाई के लिए भी पर्याप्त साधन नहीं हैं. इस वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. यही हाल सड़क, बिजली और पानी का है. ये वजह ही हैं जो इस विधानसभा क्षेत्र में जनता की असंतुष्टि का कारण हैं. इसी का नतीजा है हर पांच साल बाद इलाके की कमान कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के पास चली जाती है.
सिर्फ विकास चाहिए
यहां के वाशिंदे सिर्फ विकास चाहते हैं जिसे दोनों ही प्रमुख पार्टियों के नेता मानते हैं. हालांकि कांग्रेस इस बार डंके की चोट पर कह रही है कि जो मिथक बना हुआ है वह टूट जाएगा और अबकी बार फिर कांग्रेस ही सरकार बनाएगी. वहीं बीजेपी इस बार बेफिक्र है. उसे इस मिथ पर भरोसा है. वह जानती है इस सीट पर इस बार उसके जीतने की बारी है. वह विकास के मुद्दों को लेकर बिछिया की जनता से जनादेश मांग रही है.

हर बार पूर्ण विराम
बहरहाल जो विधायक अच्छा कार्य करें उसे वास्तव में दूसरा मौका मिलना चाहिए. हर बार विधायक बदलने से जरूरी नहीं कि विकास हो. अगर क्षेत्र की जनता को विकास चाहिए तो एक विधायक को दस साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए वक्त देना चाहिए. यह क्षेत्र ऐसा है जहां हर बार विधायक बदल जाते हैं और विकास कार्यो पर पूर्णविराम सा लग जाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 6, 2023, 13:05 IST