हाइलाइट्स
मध्य प्रदेश विधानसभा चनाव में बड़ी बहुमत से सरकार बनाती दिख रही भाजपा.
मध्य प्रदेश की 230 विधान सभा सीटों में से 160 सीटों पर आगे चल रही भाजपा.
पीएम मोदी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा प्रचंड जीत की ओर.
भोपाल. पांच राज्यों में से चार राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आने लगे हैं. अभी तक के रुझानों में मध्य प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती नजर आ रही है. इसके साथ ही अब चुनाव परिणामों का विश्लेषण भी शुरू हो गया है. चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में आगे दिख रही कांग्रेस लगातार पीछे होती चली गई और भाजपा की जीत की ओर बढ़ती गई. आखिर ऐसे क्या कारण रहे जो भाजपा की बड़ी जीत होने जा रही है. भाजपा ने आखिर कांग्रेस पर कैसे अजेय बढ़त बनाई इसको लेकर मंथन जारी है. ऐसे में राजनीति के जानकारों के नजरिये से जानते हैं कि मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत कैसे हुई.
मध्य प्रदेश विधान सभा की 230 सीटों में से भाजपा 160 से अधिक और कांग्रेस 60 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है. सभी अब मान चुके हैं कि भाजपा एमपी में सरकार बनाने जा रही है. इस जीत के कारणों में सबसे बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा बताया जा रहा है. इसके साथ ही शिवराज चौहान भी गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की कुशल कार्यशैली, मध्य प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का जमीन पर आकलन को श्रेय दे चुके हैं. ऐसे में हम राजनीति के जानकारों की दृष्टि से जानते हैं कि आखिर भाजपा की जीत के पांच प्रमुख कारण क्या रहे.
सामूहिक नेतृत्व की जीत
जिस तरह से भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व को मैदान में उतारा और अपने कई सांसदों को भी चुनाव लड़वा दिया, इससे विभिन्न क्षेत्रों के मतदाताओं को यह सीधा और स्पष्ट संदेश गया कि उनका नेता भी मुख्यमंत्री बन सकता है. यह संकेत समझते ही मतदाताओं में गोलबंदी हुई. शिवराज सिंह का नाम सीधे तौर पर आगे नहीं करने पर सत्ता विरोधी मानसिकता यानी एंटी इंकंबेंसी जैसी बातें भी पीछे छूटती चली गई और भाजपा प्रचंड जीत की ओर आगे बढ़ गई.
पीएम मोदी की गारंटी
भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व की बात के साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी का चेहरा लगातार आगे किया. पीएम मोदी अपनी सभी सभाओं में ‘मोदी की गारंटी’ की बात को आगे बढ़ाते रहे और जनता को डिलीवर करने वाले अपने पीएम पर पूरा भरोसा हुआ. इसके साथ ही इसी दौर में पीएम किसान निधि की राशि का किसानों के खाते में ट्रांसफर हुआ, जिससे पीएम मोदी की गारंटी की बात और पुख्ता होती गई और भाजपा मध्य प्रदेश में प्रचंड जीत की ओर आगे बढ़ी.
शिवराज की लाडली बहना
शिवराज सिंह अक्सर यह कहते हैं कि कोई भी एमपी निवासी उनका अपना परिवार है, इसलिए वे अपनी बहनों के भाई और बेटियों के मामा हैं. इसी क्रम में भाजपा ने लाडली बहना योजना लॉंच कर दी और इसके तहत 1.31 करोड़ महिलाओं को एक शुरुआत में एक हजार रुपए और बाद में 1250 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई. इसको पांच-पांच सौ रुपये की क्रमवार बढ़ोतरी के वादे के साथ इस राशि को तीन हजार रुपए तक बढ़ाने की बात कही गई, जो मास्टरस्ट्रोक साबित हुई.
कमल निशान की रणनीति
भाजपा ने मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री का चेहरा सामने नहीं किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कमल चिन्ह पर चुनाव लड़ने का प्रचार किया गया. दूसरा एमपी चुनाव की बागडोर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संभाली और बेहतरीन चुनावी प्रबंधन किए. गृह मंत्री ने केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव चुनाव सह प्रभारी बनाकर मध्य प्रदेश भेज दिया. कई बैठकें कर उन्होंने नाराज और असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को एकजुट किया और चुनाव प्रचार में केंद्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व ने पूरी ताकत झोंक दी.
कांग्रेस को सनातन विरोधी ठहराया
माना जाता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अगर भारत में जमीन पर कहीं सबसे अधिक मजबूत है तो वह है मध्य प्रदेश. इसी बी डीएमके के नेता उदयनिधि के सनातन को खत्म करने के बयान को भाजपा ने पकड़ लिया और उसको जनमानस के बीच पहुंचा पाने में सफल रही. भाजपा के बड़े नेताओं ने लगातार इस मुद्दे को उठाया. वहीं, चुनाव प्रचार में राम मंदिर के होर्डिंग लगाने की कांग्रेस की शिकायत को भाजपा ने हिंदू विरोधी कहकर प्रचार किया. ऐसे अनेकानेक तरीकों से भाजपा रणनीतिक रूप से अपने समर्थकों को जोड़े रखने में सफल रही.
इसके अतिरिक्त भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किसानों के लिए गेहूं और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने, युवाओं को रोजगार देने का वादा किया. केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना को पांच साल और आगे बढ़ाने का असर भी जमीन पर दिखा. प्रधानमंत्री आवास से लेकर पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज कराने की योजनाओं के लाभार्थियों को भी भाजपा ने अपने साथ जोड़ा और उनको वोट में बदला, जो भाजपा को बड़ी जीत दिला गया.
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FIRST PUBLISHED : December 3, 2023, 14:41 IST