मप्र विधानसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। कांग्रेस पार्टी ने कांटे से कांटा निकालने की रणनीति तैयार की है। बता दें कि राज्य में राजनीति के संत कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के पुत्र पूर्व मंत्री दीपक जोशी को कांग्रेस ने अपने पाले में कर लिया है। इसके बाद दतिया के बीजेपी नेता अवधेश नायक, राजू दांगी और सुरखी के राजकुमार सिंह धनौरा, नीरज शर्मा को भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता दिलवाई है।
बता दें कि बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा और शिवपुरी जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र जैन भी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। कांग्रेस इन सभी का उपयोग बीजेपी में सेंध लगाने के लिए कर रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव के आते-आते कई बड़े नेता कांग्रेस के मंच पर नजर आ सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन नेताओं को बीजेपी ने प्रत्याशी घोषिक किया है। उन पर भी कांग्रेस नजरें जमाए हुए है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस कुछ चुनिंदा लोगों को उनकी अपनी सीट से टिकट भी दे सकती है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायक-कार्यकर्ताओं के द्वारा बीजेपी में आने के बाद से ही पार्टी के मूल कार्यकर्ता अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। इस वजह से कार्यकर्ताओं और नेताओं की गाहे-बगाहे नाराजगी भी सामने आती रहती है। वहीं बीजेपी को नगरीय निकाय चुनाव में भी इसका नुकसान उठाना पड़ा था। असंतोष के स्वर को थामने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारने की कवायद शुरू है। वहीं भाजपा नेताओं का कांग्रेस पार्टी में सदस्यता लेने का क्रम भी जारी है।
कमी नहीं छोड़ना चाहती कांग्रेस
वहीं कांग्रेस इस अवसर को भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। क्योंकि पार्टी के नाता यह बात अच्छे से जानते हैं कि बीजेपी ताकत उसके कार्यकर्ता हैं। वहीं इस दौरान कार्यकर्ता पार्टी से इस समय उपेक्षित भी हैं। ऐसे में उन कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में जोड़कर बीजेपी में सेंध लगाई जा सकती है। साथ ही राज्य में अपनी पार्टी की स्थिति को भी मजबूत किया जा सकता है। ऐसे में संभव है कि कांग्रेस की सदस्यता जिन नेताओं को दिलाई जा रही है, उनमें से कुछ को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया जाए।
जानिए रहली विधानसभा का हाल
सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पिछले चुनाव में ऐसा कमाल कर चुकी है। बीजेपी ने कमलेश साहू की पार्टी प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा था। लेकिन बीजेपी के असंतुष्ट गुट के लोगों का समर्थन भी प्राप्त हुआ। पर वह कांग्रेस के गोपाल भार्गव से पराजित हो गए। वहीं कांग्रेस के लिए भाजपा के असंतुष्टों को साधने का काम पूर्व मंत्री दीपक जोशी कर रहे हैं। उनकी कोशिशों के जरिए ही बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा ने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी का दामन थामा है।
डा.नरोत्तम मिश्रा को घेरने के लिए रणनीति
कांग्रेस यही रणनीति शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा को घेरने के लिए के लिए अपना रही है। पार्टी द्वारा पहले अवधेश नायक और अब राजू दांगी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। उसके बाद ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा और सिंधिया की घेराबंदी करने के लिए अशोकनगर, शिवपुरी, गुना, मुरैना, नीमच जिले के यादवेन्द्र सिंह यादव, बैजनाथ यादव, अजय पाल सिंह यादव, समंदर पटेल, रघुराज सिंह धाकड़, जितेंद्र जैन सहित कई नेताओं ने कांग्रेस का साथ पकड़ा है।