MP Election 2023: डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे हिरासत में, पुलिस के साथ हुई झड़प

Nisha Bangre Arrest: एक तरफ जहां मध्यप्रदेश के चुनाव तारीख का ऐलान हो गया है तो वहीं दूसरी ओर चर्चित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (deputy collector nisha bangre)  को उस समय हिरासत कर लिया गया, जब वो अपना इस्तीफा मंजूर किए जाने की मांग को लेकर सीएम हाउस की तरफ बढ़ रही थी. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की, लेकिन वो नहीं मानी तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया. वहीं इस दौरान उनके कपड़े भी फट गए. 

बता दें कि निशा बांगरे समेत पूर्व मंत्री पीसी शर्मा को भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. अब  सेंट्रल जेल के चारो तरफ भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है.  निशा की गिरफ्तारी पर कांग्रेस पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार दलित और महिला विरोधी है. वहीं महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल ने कहा कि महिला हितैषी बनने वाली शिवराज सरकार की असलियत ये है.

कांग्रेस निशा बांगरे के साथ
जानकारी के मुताबिक सीएम हाउस की तरफ बढ़ने से पहले निशा बांगरे ने बोर्ड ऑफिस चौराहे पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान उन्हें समर्थन देने कांग्रेस भी पहुंची. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना भी इस प्रदर्शन में शामिल हए. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया.

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इस्तीफे की मांग पर अड़ी निशा
दरअसल छतरपुर जिले के लवकुशनगर में पदस्थ डिप्टी निशा बांगरे तीन महीने पहले अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन शासन ने इसे मंजूर नहीं किया है. वे अपने इस्तीफा मंजूर किए जाने की मांग को लेकर अड़ी हुई है. अब आमला से शुरू हुई उनकी यात्रा मुख्यमंत्री निवास भोपाल तक पहुंची है. 135 किमी लंबी यह न्याय यात्रा अगल-अलग पड़ाव में 11 दिनों में भोपाल सीएम हाउस पहुंची है.

चुनाव लड़ना चाहती हैं निशा
बता दें कि निशा बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, इसलिए वो अपने पद से मुक्त होना चाहती है. निशा ने कहा कि जनप्रतिनिधि बनने हेतु मेरा त्याग-पत्र स्वीकार किया जाए. सिर्फ एक महिला वो भी अनुसूचित जाति की होने के कारण मेरे स्वतंत्रता के अधिकार से मुझे वंचित ना रखा जाए.

कौन हैं निशा बांगरे
निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था.  इन्होंने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया. हालांकि ये अपने इस काम के अलावा जनसेवा करना चाहती थीं. इस विचार को लेकर इन्होंने  2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा दी और इनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ.

रिपोर्ट – प्रमोद शर्मा

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