MP Election: मध्य प्रदेश में सूखे के हालात पर सियासत तेज, सीएम शिवराज के बारिश वाले बयान पर कमलनाथ का पलटवार

भोपाल: मध्य प्रदेश में मानसून की अच्छी बारिश न होने से राज्य में सूखे के हालात बनने लगे हैं। अब तो इस पर सियासत भी तेज हो चली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां मौजूदा हालात को 50 साल के सबसे बुरे हालात का हवाला दिया तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने इसे चालबाजी करार दिया है।

राज्य में बारिश कम होने से बांधों में पानी कम है, फसलों को भी पानी कम मिला है, लिहाजा अब बिजली की मांग बढ़ने की बात कही जा रही है।
राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम सभी भगवान से प्रार्थना करें कि बारिश कर दें। मैं रातभर परेशान रहा, क्योंकि पूरा अगस्त का महीना सूखा गया। सूखे के कारण बांध भी पूरे नहीं भरे और बिजली की डिमांड भी एकदम बढ़ी, क्योंकि फसलें अगर बचाना है तो पानी देना जरूरी है। आज तक कभी ऐसी डिमांड नहीं आई।

उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी तरफ से भरसक कोशिश कर रहे हैं कि चीजें ठीक रहे, लेकिन यह संकट की स्थिति है। 50 साल में सूखे का ऐसा संकट कभी नहीं आया।अभी भादौ चल रहा है। मैं भी भगवान से प्रार्थना करूंगा, आप भी प्रार्थना करें कि एक बार बारिश जरूर हो जाए। ताकि हम फसलें बचा सकें और बाकी व्यवस्थाएं भी ठीक चलती रहें।

मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में इस बार भीषण सूखे की स्थिति बन रही है। प्रदेश के अधिकांश हिस्से में कम वर्षा हुई है। जलाशयों में पानी पूरी तरह से नहीं भर पाया है। फसलें सूख रही हैं। प्रदेश के अधिकांश किसान इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं।
मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह उत्सव मोड से बाहर आएं और तत्काल सर्वे कार्य शुरू कर किसानों को राहत देने की व्यवस्था शुरू करें।
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उन्होंने आगे कहा कि कल मुख्यमंत्री का जो बयान सामने आया, वह चुनौती का सामना करने से अधिक ‘आपदा को अवसर में बदलने’ की चालबाजी जैसा प्रतीत हुआ। प्रदेश की जनता ने पूर्व में भी देखा है कि शिवराज सरकार आपदा को अपने हित में अवसर में बदल लेती है और जनता के लिए संत्रास पैदा करती है। जनता को झूठे वादों की नहीं, सच्चे इरादों की जरूरत है।

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