MP Board Exam 2024: माशिमं ने बढ़ाई बच्चों की टेंशन! पहले ही दिन हाथ कांपते हुए हल किया पेपर, जानिए

भिंड: माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं हिंदी के प्रश्न पत्र के साथ आज से शुरू हो गई. वहीं परीक्षार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल का एक फरमान परेशानी का सबब बन गया. दरअसल रविवार से हो रही बारिश और मौसम में हुए बदलाव के चलते कड़ाके की ठंड हो गयी है. ऐसे में भिंड जिले में हाई स्कूल की परीक्षा देने पहुंचे छात्रों से उनके गर्म कपड़े परीक्षा केंद्रों के बाहर ही उतरवा लिये. जिसके चलते बच्चों को इस कड़कड़ाती ठंड में परीक्षा देनी पड़ी.

बता दें कि मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा प्रदेश में आयोजित हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री बोर्ड परीक्षाओं के लिए जारी किए गए तुगलकी फरमान के चलते छात्र कड़कड़ाती ठंड में परीक्षा देने को मजबूर हो रहे हैं. असल में रविवार सुबह से ही चंबल अंचल में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है. जिसकी वजह से मौसम में बदलाव आ गया और कल से ही मौसम का पारा गिरा हुआ है.

गर्म कपड़े उतरवा लिए
वहीं जब भिंड के मेहगांव कस्बे में बने शासकीय कन्या शाला परीक्षा केंद्र पर सोमवार सुबह जब बच्चे 10वीं का पहला पेपर देने पहुंचे तो केंद्र के बाहर ही उनके स्वेटर जैकेट और अन्य सभी गर्म कपड़े उतरवा लिये गये. जब बच्चों ने ठंड का हवाला भी दिया तो इन्हें नियमों का पाठ पढ़ा कर शांत कर दिया ग़या.

ठंड में देना पड़ी परीक्षा
मेहगांव कन्या शाला केंद्र पर 10वीं बोर्ड परीक्षा का पहला हिन्दी का पेपर देने पहुची छात्रा वंदना शर्मा ने बताया कि, सुबह से ही तेज़ ठंड है. जब वे यहां आई तो केंद्र के बाहर ही उनके गर्म कपड़े उतरवा लिये गये. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद शिक्षक से कहा भी कि तेज़ सर्दी है. लेकिन उन्होंने कहा क्लास में ठंडी नहीं लगेगी और अंदर भेज दिया.जिसकी वजह से अंदर ठिठुरन भरी सर्दी के बीच ही पेपर देना पड़ा. इसके साथ ही अगले पेपर से गर्म कपड़े पहन कर आने से भी मना कर दिया गया है. 

अपर कलेक्टर ने दी नसीहत
इन हालातों के बीच भिंड जिले के अपर कलेक्टर राजकुमार खत्री भी निरीक्षण पर पहुंचे तो बच्चों की हालत देख उन्होंने परीक्षा केंद्र के सीएस को ऐसा ना करने की नसीहत भी दी. हालांकि अपर कलेक्टर कुछ देर में ही मौके से रवाना हो गए. जब इस संबंध में मीडिया ने परीक्षा केंद्राध्याक्ष से बात की तो उनका कहना था कि माशिमं द्वारा परीक्षा केंद्रों के लिए नियम तय किए गए हैं, जिनमें इस बार परीक्षार्थियों को सिर्फ़ उतने ही कपड़े पहनकर आने की इजाज़त दी गई है, जिनसे शारीरिक सुरक्षा हो सके. वहीं एडीएम के निर्देशों को उन्होंने व्यावहारिक नसीहत बताया है.

एक ओर सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को तनाव रहित परीक्षाएं देने की बात करते है. वहीं इस कड़कड़ाती ठंड में भी बच्चों को बिना गर्म कपड़ों के परीक्षा के लिए तीन घंटे बैठना पड़ रहा है. ऐसे में बच्चे अब परीक्षा पर फोकस करें या ठंड से बचने पर? स्थिति अगर आगे भी यही रही तो इस बार चंबल में बच्चों की परीक्षा के नतीजे प्रभावित होने की संभावना तो रहेगी ही साथ ही इन परीक्षार्थियों के बीमार होने का भी ख़तरा बना रहेगा.

रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा, भिंड

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