भोपाल. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन में बड़ा पीढ़ी परिवर्तन हुआ है. कमलनाथ के बाद युवा चेहरे जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंप गई है. वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता प्रतिपक्ष के तौर पर हेमंत कटारे काम करेंगे. कमान संभालते ही जीतू पटवारी एक्शन में भी नजर आ रहे हैं. उन्होंने संगठनात्मक बैठकें लेना शुरू कर दिया है. लेकिन, पार्टी के सामने अब बड़ी चुनौती लोकसभा के चुनाव है. यह चुनाव और बीजेपी के खिलाफ लड़ाई दोनों कांग्रेस की नई टीम और बड़े नेताओं की अग्नि परीक्षा होगी.
2018 में प्रदेश की कमान संभालने आए कमलनाथ के नेतृत्व में पार्टी ने सत्ता तो हासिल की, लेकिन सरकार नहीं टिकी. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की 29 में से सिर्फ 1 सीट जीत पाई. नगरी निकाय और पंचायत चुनाव में भी बीजेपी कांग्रेस से आगे रही. 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणाम भी कांग्रेस के लिए विपरीत रहे हैं. ऐसी मुश्किल घड़ी में कांग्रेस की नई टीम मैदान में उतरी है. पुराने और वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय बनाकर कांग्रेस आक्रामक रणनीति पर काम करने पर विचार कर रही है. उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि कांग्रेस में समन्वय की पहले भी कमी नहीं थी. वरिष्ठ नेताओं ने नए नाम आगे किए हैं. उनके मार्गदर्शन में काम करेंगे. समन्वय में कहीं कोई दिक्कत नहीं आएगी. बड़े नेता हमारे साथ हैं. सदन से सड़क तक ताकत देने के लिए तैयार हैं. उनसे सलहा मशवरा लेकर जनता के बीच जाएंगे.
कांग्रेस में होगा बड़ा बिखराव: बीजेपी
एक ओर कांग्रेस साथ मिलकर आगे बढ़ने का दावा कर रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव के परिणामों से उत्साहित बीजेपी का कहना है कि अच्छी-अच्छी बातें करना और जमीन पर साथ में मिलकर काम करना दोनों अलग बातें हैं. इन नेताओं के बयान एक दूसरे को लेकर सामने आ चुके हैं. बीजेपी महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि भारतीय सेना कदमताल इसलिए करती है ताकि साथ में चल सके. लेकिन, कांग्रेस को साथ में चलने का अभ्यास नहीं है. कांग्रेस पार्टी में कोई सामंजस्य नहीं है. कमलनाथ को हटाते वक्त ही हमने कहा था कि कांग्रेस में पूरी तरह से बिखराव दिखेगा.
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FIRST PUBLISHED : December 25, 2023, 07:49 IST